नई दिल्ली। समाज विकास क्रांति पार्टी (एसवीकेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंह ने अपने ऊपर जानलेवा हमले के बाद अपनी सुरक्षा के लिए शुक्रवार को गृह मंत्रालय जाकर अपना ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके बहुत सारे राज जानते हैं और पोल खुलने के भय से उन्होंने अपने गुंडों से हमला कराया है।
उन्होंने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि उनके ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद भी पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और वह अपनी सुरक्षा के लिए पीएमओ तक अपनी आवाज उठाएंगे। बाद में अशोक सिंह जंतर-मंतर पहुंचकर पत्रकारों को संबोधित किया और जल्द से जल्द सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस की रवैए की वजह से उनके ऊपर जान का खतरा लगातार बना हुआ है।
समाज विकास क्रांति पार्टी (एसवीकेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पुलिस के रवैये के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बसपा नेता के साथ वह काफी समय तक काम कर चुके हैं उनके बहुत सारे राज जानते हैं। नई पार्टी बनाने पर अपना नुकसान देखते हुए उनकी तरफ से आए दिन धमकियां मिल रहीं हैं। इसलिए ही उनके साथियों पर हमला कराया गया। कहा कि चुनाव में उतरने से रोकने के लिए उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
अशोक सिंह ने आरोप लगाया है कि जब से उन्होंने समाज विकास क्रांति पार्टी का गठन किया है, तभी से उनको चुनाव में उतरने से रोकने की साजिश रच रहे हैं। एसवीकेपी के अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में ग्रेटर नोएडा में हुए हमले के बाद किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्हें गृह मंत्रालय आकर अपनी आवाज उठानी पड़ी। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें जल्द ही सुरक्षा नहीं मिली तो आने वाले समय में वह सड़कों पर उतरेंगे और उनके खिलाफ रची जा रही साजिश को जनता तक पहुंचाएंगे। इससे पहले अशोक सिंह ने अपने ऊपर हुए हमलों के लिए बहुजन समाज पार्टी के कुछ नेताओं पर आरोप लगाए थे। हमले को लेकर उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था। बाद में उन्होंने इस मामले को लेकर डीएम को भी ज्ञापन सौंपा था। समाज विकास क्रांति पार्टी (एसवीकेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील सक्सेना, राष्ट्रीय महासचिव और मीडिया प्रभारी राजकपूर, संगठन प्रभारी डॉ. राजेश, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुधीर कुमार, दिल्ली प्रदेश प्रभारी गुलशन कुमार आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।