फिल्म पद्मावती पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी के एक बयान ने इसे और तूल दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे विदेशी साजिश का अंदेशा जताते हुए जांच की मांग की है।
एएनआइ से बात करते हुए स्वामी ने कहा कि इस समय बड़े बजट की कई फिल्मों का निर्माण हो रहा है। हमें देखना चाहिए इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है। दुबई में बैठे लोग चाहते हैं कि मुस्लिम शासक नायक की तरह पेश किए जाएं और हिंदू महिलाओं को ऐसे दिखाया जाए कि वह उनसे रिश्ता बनाने के लिए तैयार थीं। उन्होंने कहा कि पद्मावती इस साजिश का हिस्सा है। इससे पहले फिल्म जोधा-अकबर में भी जोधाबाई को हल्के में दिखाने की कोशिश की गई। स्वामी ने कहा कि ऐसी ज्यादातर फिल्में बीते दस साल में आई हैं। यूपीए सरकार के दौरान इन चीजों को प्रोत्साहित किया गया।
पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप निर्देशक संजय लीला भंसाली पर है। विरोधियों का कहना है कि फिल्म में खिलजी का महिमामंडन किया गया है और रानी पद्मावती की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए राजस्थान सरकार ने रिलीज से पहले फिल्म देखने के लिए एक पैनल का गठन करने पर विचार कर रही है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पद्मावती को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभी तो फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट तक नहीं मिला है, लिहाजा अदालत के दखल की जरूरत नहीं है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी फिल्म पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने भी फिल्म के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया था।