राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 10 अप्रैल को दिल्ली की एक अदालत में दलील दी कि उसे संदेह है कि तहव्वुर राणा ने 26/11 के मुंबई हमलों जैसी आतंकी साजिश कई अन्य भारतीय शहरों को निशाना बनाने के लिए भी रची थी।
एनआईए ने विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष यह दावा किया, जिन्होंने राणा को 18 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
अपने आदेश में, न्यायाधीश ने एनआईए को हर 24 घंटे में राणा की मेडिकल जांच करने और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने देने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने राणा को केवल एक ‘सॉफ्ट-टिप’ कलम का उपयोग करने और एनआईए अधिकारियों की मौजूदगी में अपने वकील से एक निश्चित दूरी से मिलने की अनुमति दी।
दलीलों के दौरान, एनआईए ने कहा कि साजिश के सभी आयामों को एक साथ जोड़ने के लिए राणा की हिरासत की आवश्यकता है और उसे 17 साल पहले हुई घटनाओं के बारे में फिर से जानने के लिए विभिन्न स्थानों पर ले जाना होगा।
सूत्र ने बताया कि एनआईए ने न्यायाधीश को बताया कि ‘‘उसकी (राणा की) लंबी हिरासत को व्यापक पूछताछ के लिहाज से आवश्यक माना गया है, जिसका उद्देश्य साजिश की गहरी परतों को उजागर करना है। हमें संदेह है कि मुंबई हमलों में इस्तेमाल की गई चालों को अन्य शहरों में भी अंजाम देने की साजिश थी, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने यह जांच की कि क्या इसी तरह की साजिश कहीं और भी रची गई थी।’’
सूत्र ने बताया कि महत्वपूर्ण साक्ष्यों को एक साथ जोड़ने और 17 साल पहले की घटनाओं को फिर से जानने के लिए अधिकारी राणा को प्रमुख स्थानों पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें अपराध स्थल का नाटकीय रूपांतरण करने और बड़े आतंकी नेटवर्क के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
एनआईए के डीआईजी, एक आईजी और दिल्ली पुलिस के पांच डीसीपी राणा की पेशी के दौरान अदालत परिसर में मौजूद थे।
राणा 18 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहेगा, इस दौरान एजेंसी ‘2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने के लिए उससे विस्तार से पूछताछ करने’ की योजना बना रही है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक लोग घायल हो गए थे।