1991 में जब पीवी नरसिंह राव देश के प्रधानमंत्री बने तो उसके कुछ समय बाद चंद्रास्वामी ने दिल्ली में एक आश्रम बनाया। बताया जाता है कि इस आश्रम की जमीन इंदिरा गांधी ने दी थी। बड़े-बड़े नेता से लेकर अभिनेता तक तांत्रिक चंद्रास्वामी के भक्तों की सूची में शामिल रहे हैं। इनमें एक नाम ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का भी था। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब 'वॉकिंग विद लायंस-टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमेटिक पास्ट' में लिखा है कि उनके माध्यम से 1975 में चंद्रास्वामी ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर से मिले थे। उस मुलाकात में ही उन्होंने यह घोषणा कर दी थी कि वह अगले तीन-चार साल में देश की प्रधानमंत्री बनेंगी और यह बात सही साबित हुई।
चंद्रास्वामी का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। लंदन के व्यापारी से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 1996 में इन्हें जेल भी जाना पड़ा था। उनके ऊपर विदेशी मुद्रा उल्लंघन यानी फेमा के कई केस भी चले।