सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। इस खबर के बाद आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में करीब 1 फीसदी की गिरावट देखी गई।
इससे पहले चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़े लोन मामले में सीबीआई ने महाराष्ट्र में चार जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई वीडियोकॉन और न्यूपावर के दफ्तरों में हुई। न्यूपॉवर का संचालन चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और सुप्रीम एनर्जी करती है।
सीबीआई ने वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और अज्ञात लोगों के खिलाफ पिछले साल मार्च में एक प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी।
लोन को लेकर उठे थे सवाल
चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह और अपने परिवार की साझे स्वामित्व वाली कंपनी न्यूपावर को बैंक से दिये गये लोन को लेकर सवाल उठा था, जिसके चलते चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा था। चंदा कोचर पर आरोप लगा था कि उन्होंने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था।
कब क्या हुआ?
-आईसीआईसीआई बैंक ने साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को, एसबीआई के नेतृत्व में बनाए गए एक कंसोर्टियम में शामिल होकर 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इस कंसोर्टियम में 20 बैंक शामिल थे जिन्होंने कुल चालीस हजार करोड़ रुपये का लोन वीडियोकॉन को दिया।
इसके बाद 22 अक्टूबर 2016 को आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन के निवेशक अरविंद गुप्ता ने एक ब्लॉग पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने 15 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली समेत कई अन्य सरकारी विभागों को भेजा गया पत्र शामिल किया था।
कथित तौर पर 15 मार्च, 2016 को लिखे गए इस पत्र में दावा किया गया कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं, ऐसे में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन में हितों के टकराव का मामला हो सकता है।
--चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को गलत तरीके से 3,250 करोड़ का कर्ज देने का आरोप लगाया गया। धूत ने बाद में इस रकम का 10 फीसदी हिस्सा उन कंपनियों में लगाया जिन्हें चंदा के पति दीपक कोचर चला रहे थे। बाद में धूत को दिए कर्ज में से 2,810 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई बैंक ने एनपीए घोषित कर दिए यानी ऐसी रकम जो वसूली नहीं जा सकती।
-इस रिपोर्ट के बाद बैंक ने बयान जारी किया, "बैंक का बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इसमें किसी तरह का क्विड प्रो-नेपोटिज़्म और कॉन्फ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट का मामला होने का सवाल ही नहीं उठता और बैंक बोर्ड को अपनी प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है।"
-अप्रैल, 18 में सीबीआई ने इस केस को अपने हाथ में लिया और दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप समेत कुछ अज्ञात लोगों के बीच हुए लेनदेन की शुरुआती जांच शुरू की। दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ़ जांच पूरी होने तक उनके देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- 18 जून,18 को आईसीआईसीआई बैंक ने एक बयान जारी करके कहा है कि उनकी सीईओ और एमडी चंदा कोचर उनके खिलाफ जारी जांच पूरी होने तक छुट्टी पर जा रही हैं।