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ओडिशा के डॉक्टर ने अपने केओंझर गांव को किया इंटरनेशनल स्कूल गिफ्ट, की मिसाल कायम

अगर किसी के मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो फिर मंजिल हासिल करने में देर नहीं लगती। कुछ इसी तरह का...
ओडिशा के डॉक्टर ने अपने केओंझर गांव को किया इंटरनेशनल स्कूल गिफ्ट, की मिसाल कायम

अगर किसी के मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो फिर मंजिल हासिल करने में देर नहीं लगती। कुछ इसी तरह का करिश्मा ओडिशा के केओंझर जिले के बेरुनापडी गांव में कभी मजदूरी का काम करने वाले डाक्टर प्रदीप सेठी ने कर दिखाया। सेठी कड़ी मेहनत करते हुए इस गांव की कच्ची झोपड़ी से दिल्ली के एम्स अस्पताल तक पहुंचे और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वहां से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई की। आज डाक्टर सेठी देश-दुनिया के एक नामचीन हेयर प्लांट सर्जन हैं।

डाक्टर सेठी का बचपन गांव की एक कच्ची झोपड़ी में रहते हुए मजदूरी करके बीता। उनकी झोपड़ी आज भी वहां मौजूद है। डाक्टर सेठी की हमेशा गांव के लिए कुछ करने की लालसा रही है। उनकी इन्हीं लालसा ने उनके सपने का साकार कर दिखाया है। उन्होंने गांव को एक विश्व स्तरीय स्कूल गिफ्ट दिया है। उनका मानना है कि अगर सभी लोग इसी तरह गांव के विकास के बारे में सोचे और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दें तो देश की तरक्की तय है। वे कहते हैं कि उनका यह प्रयास यहीं तक सीमित करने का नहीं है।

‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब’, कबीर के इस दोहे को चरितार्थ करने वाले डाक्टर सेठी का कहना है कि अगर आपके मन में कोई भी विचार या योजना है तो उस पर तुरंत काम करना चाहिए क्योंकि व्यक्ति के अगले पल का भरोसा नहीं है। करीब 15 साल की प्रैक्टिस के बाद गांव आने पर डाक्टर सेठी ने ग्रामीणों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया और एक इंटरनेशनल स्कूल बनाने के लिए जमीन खरीदी। उनके इस प्रयास में कई ग्रामीण भी उनके साथ जुड़ गए और स्कूल शुरू करने के लिए अपनी जमीन दान कर दी, जिसके बाद एक बड़ा शैक्षणिक संस्थान बनाया गया।

भुवनेश्वर से करीब 165 किलोमीटर दूर केओंझर जिले के बेरूनपड़ी ग्राम में मौजूद उत्कल गौरव इंटरनेशनल स्कूल की शुरुआत यूं तो इस साल मार्च में ही उद्घाटन के साथ हो गई थी लेकिन अब इसके विस्तारीकरण की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त स्कूल में विदेश से विशेषज्ञ फैकल्टी और संगीत सिखाने के लिए जुबिन नौटियाल, सोनू निगम, खेल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री, व्यवसाय के लिए राजीव बजाज जैसी हस्तियां होंगी।

सेठी के मुताबिक, बेहद गरीब और शिक्षा का खर्च उठाने में नाकाम बच्चों के लिए बना यह स्कूल 10 एकड़ में फैला है जिसे बढ़ाकर 20 एकड़ किया जाएगा। स्कूल में करीब 2500 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सकता है। किसी भी छात्र से किसी भी काम के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है। 1 से 12 तक की कक्षाओं वाले इस स्कूल में कई स्किल डेवलपमेंट और प्लेसमेंट कोर्स विकसित किए जाएंगे। लगभग 50 और नए क्लासरूम जोड़े जा रहे हैं। स्टैनफोर्ड और हार्वर्ड जैसे आइवी लीग विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक मानकों को यहां दोहराने की कोशिश है। साथ ही मत्स्य पालन, सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान जैसे कई व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।

कंप्यूटर लैब के अलावा केमिस्ट्री और विज्ञान की अन्य आधुनिकतम प्रयोगशाला विकसित की गई हैं। कुछ अन्य प्रयोगशालाओं के निर्माण का कार्य चल रहा है। पढ़ाई के अलावा खेलों में स्क्वैश, टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी और क्रिकेट सहित इनडोर और आउटडोर के लिए अत्याधुनिक खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। कला परिसर में लोगों को शास्त्रीय नृत्य और पश्चिमी नृत्य के साथ-साथ पश्चिमी और भारतीय संगीत की शिक्षा दी जाएगी। स्कूल में गरीब छात्रों के लिए ललित कला वर्ग और योग भी होंगे।

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