नई दिल्ली स्थित सार्क देशों द्वारा स्थापित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर केके अग्रवाल ने नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा से शिष्टाचार मुलाकात की।
विदेश मंत्री को प्रोफ़ेसर केके अग्रवाल ने विश्वविद्यालय में चल रहे पाठ्यक्रमों के अलावा अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। प्रोफ़ेसर अग्रवाल ने कहा कि दक्षिण एशिया का यह पहला और एक मात्र विश्वविद्यालय है जिसे भारत सहित सार्क के सभी सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका मिलकर चला रहे है। प्रोफ़ेसर अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्यापन कराने वाले प्राध्यापक और अध्यनरत छात्र सार्क सदस्य देशों के है इसलिए कैंपस का वातावरण विविधता में एकता के रंगों से रंगा रहता है।
नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राना देउबा ने एसएयू के कुलपति प्रोफ़ेसर केके अग्रवाल की सदस्य देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने का सेतु बन रहे इस अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की नॉलेज विदाउट बॉर्डर की संकल्पना की तारीफ की। विदेश मंत्री ने साउथ एशियन यूनिवर्सिटी को सार्क देशों के लिए शिक्षा का प्रकाश पुंज बताया। विदेश मंत्री देउबा ने कहा कि विश्वविद्यालय की विजिट करने वह जल्द ही नई दिल्ली फिर से आएंगी।
उन्होने कहा कि एसएयू को शैक्षणिक मामले में वैश्विक मानचित्र पर लाने के लिए प्रोफ़ेसर केके अग्रवाल द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहना करते हुए सार्क देशों की जरूरतों को ध्यान रखते हुए शैक्षिक शोध करने की सलाह दी। प्रोफेसर अग्रवाल ने विदेश मंत्री ने कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में इस तरह के कोर्स शुरु किए जा रहे हैं जो सार्क देशों की सामाजिक, आर्थिक व भौगोलिक समस्याओं के समाधान पर केंद्रित हैं।
विदेश मंत्री आरजू राना देउबा ने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा बढाने और यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों के हित में जो भी मदद होगी उस पर नेपाल गंभीरता से ध्यान देगा। विदेश मंत्री बनने के बाद पहली बार भारत यात्रा पर आयी नेपाल की विदेश मंत्री आरज़ू राना देउबा को प्रोफेसर केके अग्रवाल ने दक्षिण भारत और उत्तर भारत की सांस्कृतिक समृद्ता से युक्त पारंपरिक शॉल, मणिमाला और मोमेंटो भेंट किए। विदेश मंत्री से मुलाक़ात के दौरान नई दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास के अधिकारी भी मौजूद रहे।