राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को राज्यसभा के चार सांसदों के नामों का ऐलान कर दिया है। सरकार ने इन सभी नामों का चुनाव कर राष्ट्रपति के पास भेजा था जिसके बाद कोविंद ने इन नामों पर अपनी मुहर लगा दी। चारों हस्तियां चार अलग-अलग राज्यों से हैं और ये अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं।
इनमें शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह, राजनीति के प्रोफेसर राकेश सिन्हा, मशहूर मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र और किसान नेता राम शकल शामिल हैं। इन्हें राज्यसभा के सांसद सचिन तेंदुलकर, रेखा, सामाजिक कार्यकर्ता अनु आगा और वरिष्ठ वकील के. परासरन के रिटायर होने के बाद नामांकित किया गया है।
ये हैं वो चार नाम-
1. सोनल मानसिंह, कला (भारतीय शास्त्रीय नृत्य)
राज्य- महाराष्ट्र/दिल्ली
शिक्षा- डिलिट, डीएससी, बीए (ऑनर्स)
सोनल मान सिंह भारत की प्रमुख क्लासिकल डांसर में से एक हैं। वह 6 दशकों से भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं। वह मणिपुरी और कुचिपुड़ी डांस फॉर्म्स में भी प्रशिक्षित हैं। इन्हें कोरियोग्राफर, टीचर, वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी जाना जाता है। फिलहाल इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स की ट्रस्टी और सेंट्रल अडवाइजरी बोर्ड ऑन कल्चर की सदस्य हैं। इससे पहले संगीत नाटक अकादमी की चेयरपर्सन भी रही हैं। 1977 में दिल्ली में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेज की स्थापना की।
डांसिंग करियर के 40 साल पूरे होने के मौके पर प्रकाश झा ने 2002 में 'सोनल' नाम से एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी। 1974 में कार दुर्घटना में घायल होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार डांसिंग करती रहीं। इन्हें पद्म विभूषण (2003), पद्म भूषण (1992), संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (1987), एमपी सरकार द्वारा कालिदास सम्मान (2006), इंदिरा प्रियदर्शिनी सम्मान और राजीव गांधी एक्सीलेंस अवॉर्ड भी मिल चुका है।
2. राकेश सिन्हा, साहित्य (शिक्षाविद और लेखक)
राज्य- बिहार/ दिल्ली
शिक्षा- पीएचडी (कोटा विश्वविद्यालय), एमफिल (दिल्ली विश्वविद्यालय)
राकेश सिन्हा जानेमाने लेखक और दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में असोसिएट प्रोफेसर हैं। सिन्हा दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन (IPF) के संस्थापक और मानद निदेशक हैं। वह इस समय इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के बोर्ड मेंबर हैं। वह पहले हिंदी सलाहकार समिति और फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्राइब्यूनल के सदस्य भी रहे हैं। वह कई अखबारों में नियमित लेख लिखते हैं और टीवी चैनलों पर बीजेपी और संघ का पक्ष रखते हैं। इन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं, जिसमें हेडगेवार की जीवनी भी शामिल है। इन्हें केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से दीनदयाल उपाध्याय अवॉर्ड भी मिल चुका है।
3. राम सकल (समाज सेवा)
राज्य- उत्तर प्रदेश
शिक्षा- एमए (गोरखपुर विश्वविद्यालय)
राम सकल दलित समुदाय के उत्थान के लिए काफी काम किया है। इनकी छवि किसानों, श्रमिकों और प्रवासियों के हितों की बात करनेवाले किसान नेता की है। चार दशकों से यह तहसील, जिला और राज्य स्तर पर काम कर रहे हैं। वह रॉबर्ट्सगंज (यूपी) से तीन बार सांसद भी रहे हैं। श्रमिक और कल्याण, ऊर्जा, कृषि, पेट्रोलियम और नैचुरल गैस से संबंधित संसद की समितियों के सदस्य भी रहे।
4. रघुनाथ महापात्रा, कला (मूर्तिकार)
राज्य- ओडिशा
पत्थरों को आकार देने की उनकी खूबी के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें 'शिल्प गुरु' कहा जाता है। प्राचीन मूर्तियों और स्मारकों के संरक्षण की दिशा में इन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया है। पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की सुंदरता में भी इन्होंने अहम भूमिका निभाई। 1959 से इस क्षेत्र में सक्रिय रघुनाथ अब तक 2000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित भी कर चुके हैं। इस समय ओडिशा ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं। इनके प्रसिद्ध कार्यों में ओसाका (जापान) का अशोकन पिलर, पैरिस में बुद्ध मंदिर भी शामिल है। इन्हें पद्म विभूषण (2013), पद्म भूषण (2001), पद्म श्री (1975) सम्मान मिल चुका हैं। 22 साल की उम्र में 1964 में मूर्तिकला के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
गौरतलब है कि राज्यसभा के मानसून सत्र से पहले राज्यसभा में खाली हुईं चार सीटों के लिए खेल, कला और समाजसेवा वर्ग से कई नामों की चर्चा तेज हो गई थी। इसमें क्रिकेटर कपिल देव, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार से चंद्र कुमार बोस आदि नामों की चर्चा हो रही थी।