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13 फरवरी को होगा द रेडियो फेस्टिवल, साउंड की दुनिया पर होगी चर्चा

13 फरवरी को दिल्ली में आयोजित होने वाले एक दिवसीय द रेडियो फेस्टिवल (टीआरएफ) के दूसरे संस्करण का...
13 फरवरी को होगा द रेडियो फेस्टिवल, साउंड की दुनिया पर होगी चर्चा

13 फरवरी को दिल्ली में आयोजित होने वाले एक दिवसीय द रेडियो फेस्टिवल (टीआरएफ) के दूसरे संस्करण का उद्देश्य साउंड को सेलिब्रेट करना है और प्रसारण के सभी तीन स्तरों- सार्वजनिक, निजी और सामुदायिक को एक साथ लाना है। साथ ही इसका उद्देश्य ऑडियो स्पेस के पॉड कास्टर्स और दूसरे लोगों को भी एक ही प्लेटफॉर्म पर लाना है। यह स्मार्ट (SMART) की कल्पना है और उसके द्वारा लॉन्च किया गया 'द रेडियो फेस्टिवल' यूनेस्को के वर्ल्ड रेडियो डे (13 फरवरी) पर हर साल मनाया जाता है। इस साल फेस्टिवल की थीम UN Sustainable Development – Leaving No One Behind है।

थीम पर आधारित कई सेशन होंगे जिनमें प्रसारण के तीनों क्षेत्रों, पॉड कास्टर और दूसरे ऑडियो सर्विस प्रोवाइडर के क्षेत्र से पैनलिस्ट हिस्सा लेंगे।

उद्घाटन सत्र में हाशिए पर पहुंचे आवाजविहीन लोगों के संघर्ष और प्रेरक कहानियां होंगी। साथ ही रेडियो की चुनौतियों और सफलता की कहानियां सामने रखी जाएंगी। सेशन का संचालन लेखक और कम्युनिकेशन एक्सपर्ट शरीफ रंगनेकर करेंगे। रेडियो प्लस सत्रों और स्टोरीटेलिंग वाले सत्रों से उम्मीद है कि वे नई और लोकप्रिय चीजों से एक जादू बुनेंगे, जिससे एक दूसरे से सीखा जा सके और तालमेल का निर्माण हो।

संगठनों और इंडस्ट्री के लीडर-प्रमुख भी एक खास पैनल में हिस्सा लेंगे, जिसमें इस पर नजर डाली जाएगी कि कैसे रेडियो पहले से भीड़भाड़ वाले मीडिया स्पेस में अपना प्रभाव छोड़ रहा है। रेडियो क्षेत्र के अगुआ भी इस पर अपनी बात रखेंगे कि कैसे आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में वह प्रासंगिक बने रहेंगे और तेजी से गतिशील डिजिटल जगत में शीर्ष पर रहने के लिए उनकी रणनीति क्या है।

स्मार्ट (SMART) खासतौर पर SDGS पर आधारित कम्युनिटी रेडियो के लिए एक टूलकिट रिलीज करेगा। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा समर्थित टूलकिट का उद्देश्य 17 एसडीजी को सरल संदेशों और गतिविधियों में तब्दील करना है ताकि संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी को सही तरीके से लागू किया जा सके। टूलकिट को सूचना और प्रसारण सचिव श्मित खरे द्वारा रेडियो समारोह के उद्घाटन पर जारी किया जाएगा और बाद में, दो दिवसीय कार्यशाला में इसका परीक्षण किया जाएगा, जिसमें 40 से अधिक सीआर स्टेशनों द्वारा भाग लिया जाएगा।

टीआरएफ में प्रसारण के इतिहास पर प्रदर्शनी और स्टाल, एक मॉडल रेडियो स्टेशन, कलाकारों की लाइव प्रस्तुति भी होंगे। यहां नये विचार और ऐसे प्रोडक्ट होंगे, जिनसे ज्ञान और प्रसारण में बढ़ोतरी हो।

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