केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि असम में हिंसा का दौर खत्म हो गया है। राजनाथ ने कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य में कानून-व्यवस्था के हालात सुधरे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र चर्चा से चलता है न कि बंदूकों से।
सिंह ने असम के जमुगुरिहाट में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ दिसंबर 2014 में मैंने कहा था कि असम की भूमि पर हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। हिंसा का दौर खत्म हुआ। ’’
असम में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (यूएलएफए) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) जैसे कई उग्रवादी संगठन विभिन्न मांगों के साथ कई वर्षों तक सक्रिय थे और राज्य उबल रहा था।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कल हुई गिरफ्तार के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘ सीबीआई एक विश्वसनीय जांच एजेंसी है। वह अपना काम कर रही है और मैं आगे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।’’
सिंह यहां 28वें बारेछाहरिया भाओना समारोह का उद्घाटन करने आए थे। 220 वर्ष पुराना यह नाटक समारोह हर पांच से छह वर्ष में राज्य के सोनितपुर जिले में आयोजित होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी भी इस तरह के पारंपरिक और ऐतिहासिक समारोह में शिरकत नहीं की जो 220 वर्ष पहले शुरू हुआ हो।’’
सिंह ने लोगों से सांस्कृतिक सदभाव बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने दादासाहेब फाल्के पुरस्कार विजेता डॉ. भूपेन हजारिका का जिक्र किया और कहा कि वह न केवल असम के बल्कि पूरे देश के महान पुत्र थे।
उन्होंने असम समाज से आने वाली तीन सांस्कृतिक विभूतियों- रूपकंवर ज्योति प्रसाद अगरवाला, कलागुरु विष्णु प्रसाद रभा और नटसूर्य फानी सरमा के योगदान का भी जिक्र किया।