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श्रमिक संगठनों की हड़ताल का दिल्ली में नहीं दिखा असर, खुले रहे बाजार

श्रम अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा सुधारों सहित 17-सूत्री मांगों को लेकर कई श्रम संगठनों की तरफ से बुधवार...
श्रमिक संगठनों की हड़ताल का दिल्ली में नहीं दिखा असर, खुले रहे बाजार

श्रम अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा सुधारों सहित 17-सूत्री मांगों को लेकर कई श्रम संगठनों की तरफ से बुधवार को देशव्यापी हड़ताल के आह्वान के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के बाजार खुले रहे।

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि बंद का दिल्ली की व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

व्यापारी संगठन सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा, ‘‘दिल्ली के सभी 700 बाज़ार और 56 औद्योगिक क्षेत्र सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।’’

दिल्ली के सबसे व्यस्त व्यावसायिक केंद्रों में से एक कनॉट प्लेस में भी सामान्य कामकाज देखा गया।

नई दिल्ली व्यापारी संघ (एनडीटीए) के संयुक्त सचिव अमित गुप्ता ने कहा, ‘‘कनॉट प्लेस के लिए यह एक सामान्य कार्य दिवस है। यहां बंद का कोई प्रभाव नहीं है।’’ प्रमुख कारोबार केंद्र खान मार्केट भी बंद से अप्रभावित रहा।

खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव खन्ना ने कहा, ‘‘हमने किसी भी बंद में भाग नहीं लिया है। पूरा खान मार्केट हमेशा की तरह खुला है।’’

10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बुधवार सुबह से ही देशव्यापी हड़ताल या भारत बंद का आह्वान किया है।

श्रमिक संगठन निजीकरण बंद करने, चार श्रम कानूनों को हटाने, निश्चित अवधि के रोजगार अनुबंधों को वापस लेने और अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

अन्य प्रमुख मांगों में आठ घंटे का कार्यदिवस, गैर-अंशदायी पुरानी पेंशन योजना की बहाली और ईपीएफओ अंशधारकों के लिए न्यूनतम 9,000 रुपये मासिक पेंशन शामिल हैं।

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