इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होंगे। सरकार ने कोरोना की वजह से यह फैसला लिया है। इससे पहले 1966 में ऐसा हुआ था, जब गणतंत्र दिवस बिना मुख्य अतिथि के मनाया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ''वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की स्थिति के कारण गणतंत्र दिवस पर किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया गया है।''
बता दें कि मोदी सरकार ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर मुख्य अतिथि के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया था। इस आमंत्रण को जॉनसन ने स्वीकार भी कर लिया था लेकिन कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले सामने आने के बाद उन्होंने भारत का दौरा रद्द कर दिया। इस बारे में उन्होंने खुद फोन कर पीएम मोदी को जानकारी दी थी। उन्होंने खेद जताते हुए कहा था कि जिस गति से ब्रिटेन में नया कोरोना वायरस फैल रहा है, उनके लिए ब्रिटेन में रहना महत्वपूर्ण है, ताकि वह वायरस की घरेलू प्रतिक्रिया पर ध्यान दे सकें।
यह चौथा ऐसा मौका होगा जब भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई भी मुख्य अतिथि नहीं होगा। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में ऐसा हो चुका है। वहीं, कई बार ऐसे मौके भी आए जब देश के गणतंत्र दिवस समारोह में दो-दो अतिथि भी शामिल हुए। साल 1956, 1968 और 1974 में दो-दो मुख्य अतिथि शामिल हुए। साल 2018 में 10 एशियाई देशों के प्रमुख गेस्ट के रूप में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे। यह पहला मौका था जब इतने देशों के मुखिया 26 जनवरी के परेड में शामिल हुए थे।