तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों को रिहा करने की राज्य सरकार की सिफारिश को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है। राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 161 का उल्लेख करते हुए सात दोषियों को रिहा करने की मांग की है। जिसके तहत राज्यपाल को कुछ मामलों में सजा माफ करने, निलंबित करने, सजा में छूट देने या सजा कम का अधिकार है।
इससे पहले नौ सितंबर को तमिलनाडु कैबिनेट ने राज्यपाल से पूर्व प्रधानमंत्री के सभी सात हत्यारों को रिहा करने की सिफारिश की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर को तमिलनाडु के राज्यपाल से राजीव गांधी की हत्या में दोषी एजी पेरारिवलन की दया याचिका पर विचार करने को कहा था।
केंद्र ने ठुकरा दिया था प्रस्ताव
राजीव गांधी हत्याकांड में सातों दोषी पिछले 27 साल से जेल में बंद हैं। तमिलनाडु सरकार ने मई 2016 में राजीव गांधी के हत्यारों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई थी। केंद्र ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राजीव गांधी के हत्यारों की सजा कम करने से खतरनाक नजीर बनेगी।
जेल में बंद हैं दोषी
राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी। हमलावर की पहचान धनु के रूप में हुई थी। धमाके में धनु समेत 14 लोगों की मौत हुई थी। इस हत्याकांड के सातों दोषी- पेरारिवलन, मुरुगन, शंतन, रॉबर्ट पायस, नलिनी, जय कुमार और रविचंद्रन जेल में हैं।