टूलकिट मामले में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की जमानत पर शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। अब मंगलवार को फैसला आएगा। शुक्रवार को दिशा रवि ने जमानत की अर्जी लगाई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि दिशा रवि को शान्तनु के साथ आमने सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने 22 साल की एक्टिविस्ट को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जिन्हें हम सील बंद लिफाफे में देना चाहते हैं। इस पर जज ने कहा कि आप दस्तावेज दाखिल करें। जज ने पूछा कि दिशा रवि को किन धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, इस पर दिल्ली पुलिस ने दस्तावेज सौंपे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि मो धालीवाल की तरफ से सोशल मीडिया पर खालिस्तान समर्थन में पेज बनाया गया. पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने किसानों के आंदोलन का इस्तेमाल किया और भारत की छवि खराब करने की कोशिश की. कनाडा का पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा धालीवाल भारत मे किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत में कुछ चेहरों का सहारा लिया।
दिशा रवि के वकील ने कहा कि किसानों की बात करना क्या अपराध है। दिल्ली पुलिस गलत आरोप लगा रही है। दिल्ली पुलिस ने सिख फ़ॉर जस्टिस और पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जोड़ दिया है। वकील के माध्यम से दिशा ने कहा, "मेरा खालिस्तान से कोई लेना देना नहीं है. मेरे ऊपर आरोप है कि हमने उनसे बातचीत की लेकिन ये नहीं बताया जा रहा है कि हमारा उनसे क्या संबंध है।" दिशा रवि ने कहा, "जब भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस बुलाएगी पूरा सहयोग करूंगी। मैं जांच पूरी होने तक दिल्ली नहीं छोडूंगी. इसके लिए मैं शपथ पत्र देने के लिए भी तैयार हूं।"