केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और कपड़ा सचिव रश्मि वर्मा के बीच विवाद की चर्चा जोर पकड़ रही है। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार पिछले दो दिनों में नीति संबंधी प्रशासनिक और प्रक्रियागत मुद्दों पर ईरानी ने कपड़ा सचिव को दो दर्जन से भी अधिक नोट भेजा है। सूत्रों के अनुसार एक फाइल को सीधे उनको न भेजकर वर्मा के माध्यम से भेजे जाने से ईरानी बेहद खफा हैं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच अक्टूबर में होने वाले कपड़ा सम्मेलन की तैयारियों और 6000 करोड़ के उस परिधान और कपड़ा पैकेज के कुछ खास बिंदुओं पर भी मतभेद है जिसे 22 जून को कैबिनेट ने पास किया था। मिली जानकारी के अनुसार ईरानी और वर्मा के बीच अन्य अधिकारियों के सामने ही गर्मागरम बहस भी हो चुकी है। हालांकि वर्मा ने मंत्री से किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया है। वर्मा ने नोट के बारे में किसी तरह की टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि यह एक सामान्य पत्राचार है। बहरहाल इस संबंध में ईरानी की तरफ से अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है।
वर्ष 1982 की बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी और कैबिनेट सचिव पी के सिंन्हा की बहन रश्मि वर्मा को पिछले साल दिसंबर में कपड़ा सचिव बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए मंत्रीमंडल विस्तार में 5 जुलाई को ईरानी से मानव संसाधन विकास मंत्रालय लेकर कपड़ा मंत्रालय में भेजा गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईरानी ने हाल ही में एक कैबिनेट बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कपड़ा और परिधान पैकेज को लेकर सही से काम नहीं करने का मुद्दा उठाया था। इस पर पीएमओ ने तीन साल के अंदर एक करोड़ नए रोजगार पैदा करने के लक्ष्य से दिए गए मेगापैकेज के क्रियांवयन में आ रही बाधा को समझने के लिए वर्मा समेत मंत्रालय के तमाम अधिकारियों की एक बैठक बुलाई। अधिकारी ने बताया कि टेक्सटाइल पैकेज के कैबिनेट निर्णय पर अमल के लिए राजस्व, श्रम और वाणिज्य समेत अन्य विभागों द्वारा कई नोटिफिकेशन जारी किए जाने थे। अधिकारी ने बताया कि पीएमओ ने इन मंत्रालयों के सचिवों से टेक्सटाइल प्रोडक्ट पर लगने वाले ड्यूटी समस्या से संबंधी नोटिफिकेशन पर त्वरित कार्रवाई करने को कहा है।