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जेएनयू से संकट के बादल छंट नहीं रहे

देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल विश्वविद्यालय में पिछले दो साल से गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक वाकये से जेएनयू प्रशासन भी त्रस्त हो गया है। एक साल पहले यहां के छात्र नेता ने देश विरोधी नारे लगाए ऐसी खबरों के बीच अब एक और छात्र नजीब के लापता होने से विश्वविद्यालय फिर गलत कारणों से खबरों में आ गया है।
जेएनयू से संकट के बादल छंट नहीं रहे

जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों का एक वर्ग नजीब अहमद के लापता होने के मामले में गलत सूचना फैलाकर विश्वविद्यालय की छवि खराब कर रहा है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है।

जेएनयूएसयू के सदस्य विश्वविद्यालय के लापता छात्र मामले में प्रदर्शनों को इजाजत नहीं देने के विश्वविद्यालय के फैसले के विरोध में बीते चार दिनों से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में प्रदर्शन कर रहे हैं।

जेएनयू प्रशासन की ओर से कहा गया है कि इन सब कदमों के बावजूद विद्यार्थियों के कुछ समूह और विश्वविद्यालय छात्र संघ लगातार गलत सूचनाओं का प्रसार कर रहे हैं और प्रशासन के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं।

प्रशासन ने कहा, विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए बाहरी लोगों को परिसर में बुलाया जा रहा है। इन प्रदर्शनों का उद्देश्य नजीब की तलाश के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग देना कम और प्रशासन का विरोध करना अधिक है। प्रशासन ने कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण करने से नजीब को खोजने और मामले को सुलझाने में बाधा उत्पन्न हो रही है।

जेएनयू प्रशासन की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि उसने जेएनयूएसयू को कई बार पत्र लिख कर विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक प्रशासनिक इमारत के इर्द गिर्द धरनों, विरोध प्रदर्शनों और घृणा फैलाने वाली नारेबाजी करने से दूर रहने को कहा है लेकिन जेएनयूएसयू ने इसे नहीं माना। वक्तव्य में कहा गया, प्रदर्शनकारियों द्वारा इस बात की लगातार अवहेलना करने के कारण विश्वविद्यालय में अकादमिक माहौल और प्रशासनिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

छात्रों पर लगाए गए आरोपों को जेएनयूएसयू के अध्यक्ष मोहित पांडे ने मुद्दे पर प्रशासन के समक्ष कुछ सवाल खड़े किए हैं। पांडे ने आरोप लगाया कि कुलपति अपने अड़ियल रवैये से किसी भी कीमत पर जेएनयू की संस्कृति को तबाह कर देना चाहते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति प्रॉक्टर की उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रहे जिसमें कहा गया है कि नजीब पर हमला करने में एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं को दोषी पाया गया है। विद्यार्थी इस मुद्दे पर प्रशासन की कथित निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

जेएनयू में एमएससी प्रथम वर्ष का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर से विश्वविद्यालय परिसर से लापता है। एबीवीपी के सदस्यों पर आरोप है कि नजीब के लापता होने से एक रात पहले उन लोगों ने नजीब के साथ मारपीट की थी। 

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