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यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार, 15 जुलाई तक सरकार को सौंप सकती है कमेटी

देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर बहस जारी है। पिछले डिमोंज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने...
यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार, 15 जुलाई तक सरकार को सौंप सकती है कमेटी

देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर बहस जारी है। पिछले डिमोंज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विषय में अपना रुख स्पष्ट किया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने बयानबाजी शुरू कर दी। बहरहाल, उत्तराखंड की बात करें तो यहां यूसीसी की मसौदा रिपोर्ट 15 जुलाई तक सरकार को सौंपे जाने की उम्मीद जताई गई है।

एक शीर्ष सूत्र की मानें तो, "समान नागरिक संहिता पर मसौदा रिपोर्ट 15 जुलाई तक उत्तराखंड सरकार को सौंपी जा सकती है। विशेषज्ञ समिति फिलहाल मसौदा रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में व्यस्त है।" सूत्रों के अनुसार, यूसीसी पर मसौदा रिपोर्ट के संबंध में समिति की एक और महत्वपूर्ण बैठक 9 जुलाई को दिल्ली में होगी।

यह भी बताया गया कि समिति की रिपोर्ट तैयार करने के साथ-साथ सिफारिशों के समर्थन में प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों से जुड़े दस्तावेज और अनुलग्नक भी शामिल किए गए थे। सूत्र ने कहा, "समिति द्वारा रिपोर्ट के संकलन के साथ-साथ सिफारिशों के पक्ष में संबंधित कानूनी प्रावधानों से संबंधित दस्तावेज और अनुलग्नक भी शामिल किए गए हैं। ये सभी दस्तावेज रिपोर्ट का हिस्सा होंगे।"

सूत्रों ने बताया कि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जरूरत पड़ने पर यूसीसी पर विशेष विधानसभा सत्र भी बुलाए जाने के संकेत दिए हैं। उल्लेखनीय है कि 30 जून को, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर ताजा बहस के बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी का मसौदा तैयार करने का काम जिस समिति को सौंपा गया था, जिसे राज्य में लागू किया जाना है, उसने एक क्रॉस-सेक्शन के साथ काम किया है।

पिछले एक वर्ष में नागरिकों की संख्या और 2 लाख से अधिक लोगों और प्रमुख हितधारकों से बात की। मुख्यमंत्री ने बताया कि मसौदा पूरा होने वाला है। शुक्रवार को एएनआई से बात करते हुए सीएम धामी ने कहा कि समिति को अपना अंतिम मसौदा शुक्रवार को सरकार को सौंपना था, लेकिन अब वह जुलाई में ऐसा करेगी।

प्रदेश के मुखिया धामी ने यह दावा किया कि यूसीसी के क्रियान्वयन के मामले में उत्तराखंड पूरे देश के सामने एक ज्वलंत उदाहरण बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा, "उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी को लागू करने की जिम्मेदारी ली है। हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए। उत्तराखंड के लोगों ने इसका (यूसीसी) समर्थन किया है और हमें रास्ता दिखाया है।"

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