उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी विजय चौधरी उर्फ उस्मान प्रयागराज पुलिस के साथ मुठभेड़ में सोमवार तड़के मारा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उस्मान की पत्नी ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ में उसके पति की हत्या करने का आरोप लगाया है।
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज सुबह प्रयागराज पुलिस को एक उल्लेखनीय सफलता मिली, जब राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उनके दो अंगरक्षकों की हत्या के मामले में शामिल उस्मान नामक बदमाश पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हुआ। उस्मान को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस दौरान हमारा एक आरक्षी नरेंद्र भी घायल हुआ है। नरेंद्र का उपचार किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस्मान पर 50 हजार रुपये का इनाम था और सभी चैनल के माध्यम से जो वीडियो प्रसारित हुआ था उसमें यह व्यक्ति उमेश पाल तथा हमारे जवानों को गोली मारते हुए देखा जा सकता है। उसके पास से 32 बोर की अवैध पिस्तौल और कारतूस भी बरामद हुए हैं।”
कौंधियारा थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह मुठभेड़ कौंधियारा थाना क्षेत्र के गोठी और बेलवा के बीच करीब पांच बजे हुई। विजय चौधरी उर्फ उस्मान की गर्दन, सीने और जांघ में गोलियां लगी हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी को कौंधियारा में लोग ‘नान बाबा’ के नाम से भी जानते हैं और उसे उस्मान नाम अतीक गिरोह के लोगों ने दिया है।
इस बीच, उस्मान की पत्नी सुहानी ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ में उसके पति की हत्या करने का आरोप लगाया है। उसने प्रयागराज में संवाददाताओं से कहा कि पुलिस उसके पति और ससुर को तड़के अपने साथ ले गई और सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए।
सुहानी ने पुलिस पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, ‘पुलिस ने बिल्कुल गलत किया है। कानून इसलिए नहीं बनाया गया है कि किसी को जान से मार दिया जाए। कानून हिफाजत के लिए बनाया गया है।’ उसने कहा कि उसका पति विजय चौधरी उर्फ उस्मान एक कम्पनी में गाड़ी चलाता था और वह पिछली 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड वाले दिन किसी काम से जाने की बात कहकर घर से निकला था।
अपर पुलिस महानिदेशक कुमार ने कहा, ”उत्तर प्रदेश पुलिस यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि इस जघन्य हत्याकांड में जो भी व्यक्ति शामिल रहा है उसे कानून के दायरे में लाने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और हमारे दल इस काम में लगे हुए हैं। अभियुक्त जहां भी होंगे, हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे और जल्द से जल्द सभी साक्ष्य एकत्र करके उन्हें अदालत में पेश करेंगे। हम उनके सफल अभियोजन का हर संभव प्रयास करेंगे।”
इस बीच, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मुठभेड़ के बारे में संवाददाताओं से कहा, ”हमारी सरकार इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम एक-एक आरोपी को पकड़ेंगे और उसे कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा देंगे।”
उन्होंने कहा, ”कितने दुर्दांत और बेखौफ अपराधी हैं कि पुलिस पर भी हमला करने से बाज नहीं आ रहे। आज सुबह ही पता चला है कि हमारी पुलिस ने बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराया है। हम एक-एक अपराधी को पकड़ेंगे और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
इससे पूर्व, उमेश पाल हत्याकांड का एक अन्य आरोपी अरबाज 27 फरवरी को धूमनगंज थाना क्षेत्र में नेहरू पार्क के जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। इस मुठभेड़ में धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्य घायल हो गए थे।
उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को धूमनगंज थाना क्षेत्र में उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना आसपास के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसकी मदद से ज्यादातर शूटर की पहचान हो गई है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने घटना के अगले दिन धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दो बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।