केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अब वह राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। वह हाल ही में राज्यपाल बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत की जगह लेंगे। हाल ही में मोदी सरकार में हुए बड़े फेरबदल के दौरान उनके मंत्रालय में भी तब्दीली की गई है। अब वह वाणिज्य मंत्री हैं। इसके अलावा उनके पास उपभोक्ता एवं खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय भी है। टेक्सटाइल मिनिस्ट्री का प्रभार भी उनके ही पास है।
बता दें कि पीयूष गोयल को यह अहम जिम्मेदारी 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद सत्र के कुछ दिनों पहले ही मिली है। संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा।
पीयूष गोयल से पहले राज्यसभा में यह ओहदा पूर्व सामाजिक एवं न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत के पास था, जिन्हें अब कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। उनसे पहले दिवंगत अरुण जेटली के पास यह अहम जिम्मेदारी थी। इस लिहाज से देखा जाए तो पीयूष गोयल का यह संसदीय राजनीति में बड़ा प्रमोशन है। पीयूष गोयल को पीएम नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल करने वाले केंद्रीय मंत्रियों में शुमार किया जाता है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही वह केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा रहे हैं।
संसद के मॉनसून सत्र के 19 जुलाई को शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। यह बैठक 18 जुलाई को होने वाली है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से विपक्षी दलों से सदन के सुचारू रूप से संचालन की अपील की जाएगी। गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सेशन कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा। इन 19 दिनों में मोदी सरकार ने संसद के पटल पर 30 बिलों को पेश करने की तैयारी है। इनमें से 17 विधेयक नए हैं और बाकी संशोधन बिल हैं।