उन्नाव की गैंग रेप पीड़िता को गुरुवार की सुबह जलाए जाने की घटना से पूरा देश सकते में हैं। एक ओर पीड़िता दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं और डॉक्टरों ने उसके बचने की संभावना बहुत कम बताई है, वहीं दूसरी ओर, पीड़िता के रिश्तेदारों को अभी भी जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि इस घटना के दोषियों को कानून का भय तो कतई नहीं है।
चाचा-चाची और अन्य रिश्तेदार भयाक्रांत
पीड़िता के चाचा-चाची और दूसरे रिश्तेदारों को धमकियां मिली हैं। वे भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं। धमकी देने वालों ने उन्हें जान से मारने और उनकी दुकान जलाने की धमकी दी है। परिवार ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
पीड़िता के बचने की उम्मीद बहुत कम
इस बीच, पीड़िता का इलाज कर रहे सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत बहुत नाजुक है और उसके बचने की संभावना बहुत कम है। 23 वर्षीय पीड़िता को लखनऊ के एसएमसी सरकारी अस्पताल से कल रात हवाई जहाज से सफदरजंग अस्पताल लाया गया था।
अदालत जाते समय रास्ते में पीड़िता को जला दिया
कई महीनों तक प्रयास करने के बाद पीड़ित महिला की गैंग रेप की शिकायत पर केस इस साल मार्च में दर्ज हो पाया था। यह केस उन्नाव की स्थानीय अदालत में चल रहा है। पुलिस के अनुसार शुभम, शिवम, हरीशंकर, उमेश और राम किशोर के रूप में पहचाने गए पांच लोगों ने इस महिला पर केरोसिन डालकर जला दिया था। उस समय वह रेप केस की सुनवाई के लिए अदालत जा रही थी।
सरकार ने कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया और कहा कि पीड़िता के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।