उन्नाव रेप पीड़िता रोड एक्सीडेंट मामले की जांच में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी और कोर्ट से जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। सोमवार को इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच के लिए दो हफ्ते की और मोहल दी है। साथ ही योगी सरकार को हादसे में घायल पीड़िता के वकील को 5 लाख रुपये मेडिकल खर्च के रूप में देने का निर्देश भी दिया है।
इससे पहले सीबीआई ने शनिवार को अदालत के समक्ष कहा कि उन्हें इस मामले की जांच पूरी करने के लिए सप्ताह का समय चाहिए। यह मामला उन्नाव बलात्कार मामले से संबंधित दर्ज चार मामलों में से एक है।
तीस हजारी स्थित जिला जज धर्मेश शर्मा की अदालत के समक्ष सीबीआई ने यह दलील पेश की थी। जिस मामले में सीबीआई ने जांच पूरी करने के लिए समय मांगा है उसमें शुभम सिंह, नरेश तिवारी एवं ब्रजेश सिंह यादव आरोपी हैं। वहीं, आरोपी शुभम सिंह की तरफ से अदालत में कहा कि इस मामले से संबंधित तीन मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है।
14 दिन के भीतर जांच पूरी करने का आदेश
दरअसल, बीते 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 14 दिन के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया था। आज हुई सुनवाई में सीबीआई ने जांच के लिए चार हफ्तों का वक्त मांगा था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट चार तो नहीं लेकिन दो हफ्तों का समय दिया है।
मामले की जांच के लिए 20 सदस्यीय विशेष टीम गठित
गौरतलब है कि इस हादसे की जांच के लिए सीबीआई ने 20 सदस्यीय विशेष टीम गठित की थी। इस टीम में एसपी, एएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर और उपनिरीक्षक शामिल हैं. इस मामले में मुख्य आरोपी बीजेपी निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर हैं।
28 अगस्त को हुआ था पीड़िता का एक्सीडेंट
पिछले महीने 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मुलाकात कर अपनी चाची, मौसी और अपने वकील के साथ कार से लौट रही थी. उसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रक ने कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि वह खुद और उसके वकील महेंद्र सिंह चौहान गंभीर रूप से घायल हैं.
दिल्ली के एम्स में चल रहा है इलाज
बता दें सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद उन्नाव रेप केस से जुड़े सभी मामले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर हो गए हैं, जहां उनकी सुनवाई धर्मेश शर्मा की कोर्ट में नियमित रूप से चल रही है। इस बीच पीड़िता और उसके वकील को भी लखनऊ के ट्रामा सेंटर से एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए एम्स शिफ्ट किया गया है।