उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए 11 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा है। पार्टी ने पिछले बार 11 में से नौ सीट जीती थी लेकिन इस बार रूझानों को देखते हुए यह आंकड़ा आठ रह सकता है। जबकि स तीन सीटें जीतने में कामयाब रही। बसपा और कांग्रेस का खाता नहीं खुला ।
उपचुनावों को लेकर भाजपा ने सभी दलों की अपेक्षा पूरा जोर लगाया था। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सभी सीटों प्रचार प्रसार और बैठकें भी की थीं। इतना ही नहीं, चुनाव वाले क्षेत्रों में मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। इसके अलावा सांगठनिक नजरिए से डोर टू डोर कैंपेनिंग भी की जा रही थी।
सीटों का हाल
सहारनपुर की गंगोह सीट पर चौतरफा लड़ाई रही। सबसे कम वोटों से घोषी सीट पर जीत हार का फैसला हुआ। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया तीसरी बार चुनाव हारे हैं। इससे पहले यह एक विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
लखनऊ कैंट की सीट पर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेश चंद्र तिवारी ने करीब 35 हजार वोटों से जीत दर्ज की है। इस सीट पर सपा के प्रत्याशी मेजर आशीष चतुर्वेदी दूसरे नंबर पर रहे। बाराबंकी की जैदपुर सुरक्षित सीट से सपा के गौरव कुमार रावत ने जीत दर्ज की है। यहां सपा, बसपा और कांग्रेस की त्रिकोणीय लड़ाई रही। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को करीब 43 हजार वोट मिले।
रामपुर से नौ बार विधायक रहे आजम खां की पत्नी और राज्य सभा सांसद डॉ. तंजीन फातिमा ने जीत दर्ज की है। इन्हें करीब 78 हजार आठ सौ 15 वोट मिले। यहां दूसरे नंबर पर भाजपा के भारत भूषण रहे।
बहराईच की बलहा सुरक्षितसीट से भाजपा के सरोज सोनकर ने जीत दर्ज की है। इन्हें 60 हजार 454 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा को सबसे बड़े अंतर से जीत मिली है। दूसरे नंबर पर सपा के प्रत्याशी किरन भारती को 24631 वोट मिले।
अंबेडकरनगर जिले के जलालपुर सीट से बसपा के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा की पुत्री डॉ. छाया वर्मा कोसपा के सुभाष राय ने हराया। भाजपा को तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा।
कानपुर की गोविंदनगर सीट से भाजपा के सुरेंद्र मैथानी ने जीत दर्ज की है। इन्हें 52697 वोट मिले। दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी करिश्मा ठाकुर को 34567 वोट मिले।
चित्रकूट की मानिकापुर सीट से भाजपा के आनंद शुक्ला ने जीत दर्ज की है। इन्हें 60 हजार 890 वोट मिले। दूसरे नंबर पर सपा के डॉ. निर्भय सिंह पटेल को 49 हजार 459 वोट मिले।
प्रतापगढ़ सदर सीट से भाजपा और अपना दल (एस) प्रत्याशी राजकुमार पाल ने जीत दर्ज की है। इन्हें 51 हजार 483 वोट मिले। दूसरे नंबर पर सपा के बृजेश वर्मा को 22 हजार 58 वोटों से संतोष करना पड़ा।
सहारनपुर की गंगोह सीट से भाजपा के कीरत सिंह ने जीत दर्ज की है। हालांकि गंगोह सीट की मतगणना में धांधली को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी प्रशासन सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव की अगुवाई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के सभी एजेंट को और मीडिया को काउंटिंग स्थल से बाहर निकाला गया, कांग्रेस प्रत्याशी की लीड को दरकिनार कर भाजपा के प्रत्याशी की लीड दर्शाई। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के नोमान मसूद को 62 हजार 881 वोट मिले। जबकि सपा के इंदर सिंह को 57 हजार 374 वोट मिले। चौथे नंबर पर बसपा के मो इरशाद को 32 हजार 269 वोट मिले हैं।
अलीगढ़ की इगलास सीट से भाजपा के राजकुमार सहयोगी ने जीत दर्ज की है। इन्हें 75 हजार 673 वोट मिले। जबकि बसपा के अभय कुमार 49 हजार 736 वोट मिले।
मऊ की घोसी सीट से भाजपा के विजय राजभर ने जीत दर्ज की है। इन्हें 48 हजार 790 वोट मिले हैं। सपा समर्थित और निर्दलीय प्रत्याशी सुधाकर सिंह को 46 हजार 388 वोट मिले। बसपा के अब्दुल कय्यूम को 37379 वोट मिले।
पार्टी करेगी समीक्षा: केशव प्रसाद मौर्या
सूबे के डिप्टी सीएम और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सहप्रभारी केशव प्रसाद मौर्या ने ‘आउटलुक’ को बताया कि पार्टी नतीजों की समीक्षा करेगी। विधानसभावार मिले निष्कर्ष के हिसाब से रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों हरियाणा और महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते हमारी सरकार बनेगी। रही बात प्रदेश की तो एक सीटें हमारे से जा रही है। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। कारण क्या है, इसकी विस्तार से समीक्षा की जाएगी। विपक्ष के हमले के जवाब में उन्होंने कहा कि देश गंवा दिए, प्रदेश गंवा दिए। पहले वो बताएं, हमें उनके प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।
लोकतंत्र में जनता अहंकार बर्दाश्त नहीं करती: सपा
सपा ने उपचुनाव में अपनी परंपरागत सीट रामपुर पर कब्जा बरकरार रखते हुए एक और सीट जैदपुर पर अपनी बढ़त बनाई है। जबकि सपा ने 11 में से एक सीट अलीगढ़ की इगलास पर रालोद का समर्थन किया था। हालांकि यहां रालोद प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था। ऐसे ही एक और घोषी सीट पर सपा प्रत्याशी को सिंबल पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण निर्दल ही लड़ना पड़ा था। सपा के लिए यह जीत इसलिए भी खास है, क्योंकि सपा ने प्रदेश और जिला स्तर की सभी कार्यकारिणी को भंग कर रखा है। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने ‘आउटलुक’ को बताया कि लोकतंत्र में जनता अहंकार को बर्दास्त नहीं करती। भाजपा अहंकार की पार्टी है। एक तो भाजपा कोई काम नहीं करती और ऊपर से अहंकार में चूर रहती है। जनता ने इनका घमंड चूर कर दिया है। सत्ता का दुरुपयोग नहीं होता तो नतीजे और बेहतर आते।
हम कई सीटों पर लड़ाई में: बसपा
बसपा उपचुनाव में भी बस अपनी परंपरागत सीट पर ही काबिज हो सकी। उपचुनाव नहीं लड़ने वाली बसपा ने लोकसभा चुनाव के बाद सभी सीटों पर उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर सपा-बसपा गठबंधन में तल्खी ला दी थी। लोकसभा चुनाव बाद बसपा मुखिया ने संगठन को चुस्त दुरुस्त करने के लिए कई फेरबदल किए और इसमें सोशल इंजीनियरिंग का भी खास ख्याल रखा। बसपा के लिए उपचुनाव के नतीजे चिंताजनक हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली ने ‘आउटलुक’ को बताया कि एक ही सीट थी हमारी, एक आ गई। काफी समय बाद उपचुनाव लड़े हैं। इसके बावजूद कई सीटों पर हम लड़ाई पर रहे हैं।
पार्टी सभी सीटों पर मजबूती से लड़ी: कांग्रेस
सूबे में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की रणनीति रंग ला रही है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी में संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कांग्रेस की प्रदेश और जिले स्तर की कार्यकारिणी भंग होने के बावजूद सहारनपुर के गंगोह सीट पर कांटे की टक्कर हुई। हालांकि इस टक्कर का लाभ कांग्रेस को नहीं मिल पाया और इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर चौतरफा लड़ाई हुई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू ने ‘आउटलुक’ को बताया कि पार्टी सभी सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ी। अगर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं होता तो हम गंगोह सीट जीत जाते। आने वाले समय में पार्टी और मजबूती से जनता के मुद्दों पर सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी।