पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में 11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा चार और आठ मार्च को मतदान होगा। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के कुल 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए होने वाले चुनाव में 16 करोड़ से अधिक लोग भागीदारी करेंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग 1.85 लाख मतदान केंद्र बनाएगा। इन मतदान केंद्रों की संख्या 2012 के चुनाव में बनाए गए मतदान केंद्रों से 15 प्रतिशत अधिक है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ निर्वाचन आयुक्त एके जोति तथा ओपी रावत भी थे। उन्होंने घोषणा की कि चुनाव प्रक्रिया पंजाब और गोवा विधानसभा के लिए 11 जनवरी को अधिसूचना जारी किए जाने के साथ शुरू होगी जहां उम्मीदवार नामांकन भरना शुरू कर सकते हैं। जैदी ने संवाददाताओं से कहा, आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव में आ जाएगी तथा यह इन राज्यों में घोषणाओं के संदर्भ में केंद्र सरकार के अतिरिक्त राजनीतिक दलों और संबद्ध राज्य सरकारों पर लागू होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उम्मीदवारों को सभी चुनावी खर्च के लिए एक नया बैंक एकाउंट खोलना होगा तथा 20 हजार रुपये से उपर का सभी खर्च उनके संबंधित खातों से चेक के जरिए किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी चंदे चेकों के जरिए स्वीकार किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख तथा गोवा और मणिपुर के लिए यह सीमा 20 लाख रुपये होगी। उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को पहले चरण के मतदान के तहत 15 जिलों में 71 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 11 जिलों में 67 सीटों के लिए दूसरे चरण के तहत 15 फरवरी को मतदान होगा। इसी तरह तीसरे चरण में राज्य के 12 जिलों में 19 फरवरी को 69 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा। चौथे और पांचवें चरण का मतदान 23 और 27 फरवरी को होगा जिसके तहत क्रमश: 53 और 52 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में छठे चरण के मतदान के तहत चार मार्च को 49 सीटों पर मतदान होगा। सातवें चरण का मतदान आठ मार्च को होगा जिसमें 40 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। पंजाब और गोवा में एक ही दिन चार फरवरी को क्रमश: 117 और 40 सीटों के लिए मतदान होगा। चुनाव प्रक्रिया नामांकन दाखिल किए जाने के साथ 11 जनवरी से शुरू हो जाएगी। उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों के लिए एक ही दिन 15 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मणिपुर में मतदान दो चरणों में चार और आठ मार्च को होगा। उत्तराखंड में चुनाव प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरू हो जाएगी, वहीं मणिपुर में चुनाव प्रक्रिया अधिसूचना जारी होने के साथ ही 11 फरवरी से शुरू होगी जहां नामांकन शुरू हो जाएंगे।
जैदी ने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद इन चुनावों में काले धन का इस्तेमाल कम होने की उम्मीद है, लेकिन विभिन्न स्वरूपों में अन्य प्रलोभनों में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग पहली बार चुनाव प्रक्रिया की घोषणा के बाद पहले 72 घंटों के लिए तथा मतदान से पहले अंतिम 72 घंटों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया जारी करेगा जिससे कि चुनावी मशीनरी का चुस्त एवं सक्रिय रहना सुनिश्चित हो सके।
निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों में लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के लिए पहली बार यह भी अनिवार्य कर दिया है कि उन्हें कुछ भी बकाया नहीं प्रमाणपत्र के रूप में एक अन्य हलफनामा भी देना होगा जिसमें यह घोषणा करनी होगी कि पिछले 10 साल में उन पर बिजली, पानी, टेलीफोन बिल या किसी सरकारी आवास का किराया बकाया नहीं है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय यह भी घोषणा करनी होगी कि वे भारतीय नागरिक हैं तथा उन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ले रखी है। जैदी ने कहा कि हलफनामा इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय की व्यवस्था के अनुपालन के अनुरूप है और इसे दायर करने में विफलता नामांकन पत्राों की छंटनी के दौरान गंभीर प्रकार की खामी मानी जाएगी। पहली बार इस तरह की एक और पहल के तहत निर्वाचन आयोग रक्षाबलों और अद्र्धसैनिक बलों के कर्मियों तथा विदेशी मिशनों में तैनात लोगों के सेवा मत आॅनलाइन स्वीकार करेगा। यह कदम पुडुचेरी में सफल प्रयोग के बाद उठाया गया है। जैदी ने कहा कि इन विधानसभा चुनावों के दौरान चुनिंदा क्षेत्राों में काफी संख्या में वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा तथा गोवा वीवीपीएटी से पूरी तरह लैस रहेगा। सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्टानिक वोटिंग मशीनों :ईवीएम: का इस्तेमाल किया जाएगा और ईवीएम पर बने मत पत्रा पर पहली बार उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन के साथ उनकी तस्वीर भी होगी।
निर्वाचन आयोग मतादाताओं को चुनाव से पहले फोटोयुक्त मतदाता रसीद उपलब्ध कराएगा और रंगीन बुकलेट भी बांटेगा जो मतदाताओं को चुनाव की तारीख, समय और मतदान केंद्रों की जगह तथा क्या करें और क्या न करें के बारे में दिशा-निर्देशित करेगी। चुनाव प्रबंधन में महिलाओं को अधिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते निर्वाचन आयोग इस बार कुछ एेसे मतदान केंद्र भी बनाएगा जहां का पूरा काम महिला कर्मचारियों के हाथों में होगा। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्र दिव्यांगों के लिए भी अनुकूल होंगे। पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है, जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को और उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को पूरा हो रहा है।
इन पांचों राज्यों में कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 अनुसूचित जातियों तथा 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। भाषा एजेंसी