पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन के बाद अब यूपी सरकार ने शुक्रवार की प्रार्थना के तहत एहतियाती कदम उठाए हैं। शांति सुनिश्चित करने के लिए यूपी में गश्त तेज कर दी गई है। साथ ही कई जिलों में प्रशासन ने फिर से इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है। इस बीच, विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया में विभिन्न जिलों के 372 लोगों को नोटिस दिया गया है।
बता दें कि पिछले सप्ताह शुक्रवार को यूपी के कई जिलों में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया था और पुलिस ने लोगों पर लाठियां बरसाई थी। कई जगह आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े थे। इस हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में एनएचआरसी ने भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालाकि पुलिस ने किसी भी मौत उसकी गोली से होने से इनकार किया है।
फिर की इंटरनेट सेवा बंद
यूपी में शुक्रवार को होने वाली प्रार्थनाओं में शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की गश्त तेज कर दी गई है। एहतियाती कदम के तहत मेरठ, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, शामली, बिजनोर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर और सम्भल सहित कई जिलों में कल रात तक इंटरनेट सेवाएं बन्द की गईं। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों के डीएम को यह छूट दे रखी है, अगर मामला संवेदनशील और सांप्रदायिक तनाव की संभावना है तो एहतियात के तौर पर अपने इलाके में इंटरनेट को बंद करा सकते हैं। पिछले शुक्रवार को भी यूपी की राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।
एसआईटी जांच के दिए निर्देश
डीजीपी ओपी सिंह ने हिंसक प्रदर्शनों की एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। हर जिले में एडिशनल एसपी स्तर का अधिकारी इसका प्रमुख होगा। जिलों में एडिशनल एसपी क्राईम की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया जाएगा। जिन जिलों में एएसपी क्राईम का पद नहीं है वहां एएसपी सिटी अध्यक्षता करेंगे। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि बगैर सबूत के किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी न की जाए।
372 को वसूली का नोटिस
वहीं, विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया में 372 व्यक्तियों को नोटिस दिए गए हैं। मुरादाबाद में 200, लखनऊ में, 110 गोरखपुर में 34, संभल में 26 और फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनसे कहा है कि वे अपनी स्थिति बताएं या नुकसान की भरपाई करें।
प्रदर्शनकारियों के किए पोस्टर जारी
गृह विभाग ने गुरुवार को हिंसा में 19 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इसमें 288 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि 61 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए हैं। 327 प्राथमिकी दर्ज की गई और 5,558 निवारक गिरफ्तारियां की गई। हिंसा के आरोप में 1,113 लोगों को को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक संभल, यमुना प्रसाद ने कहा कि हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 150 लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं और 55 की पहचान की गई है।
हिंसा के दौरान 647 खोखे, 69 जिंदा कारतूस और 35 देसी तमंचा बरामद किए गए। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले 124 लोग गिरफ्तार किए गए और 93 एफआईआर दर्ज की गईं। 19409 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई। 9372 ट्विटर, 9856 फेसबुक और 181 यूट्यूब प्रोफाइल को ब्लॉक किया गया।
क्या है नागरिकता कानून
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना झेलने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, जैन, बौद्धों और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण ली है। विरोध करने वालों का कहना है कि मुसलमानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकार का उल्लंघन है और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।