हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'इच्छा मृत्यु' अधिकार को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी देने के बीच उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली एक मां और बेटी ने सरकार से अपील की है। अनामिका ने कहा कि या तो उन्हें इलाज मुहैया कराया जाए अन्यथा इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए।
दरअसल, अनामिका मिश्रा और उनकी मां शशि मिश्रा दोनों ही मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी की मरीज हैं। उन्होंने यह आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है कि उन्होंने सरकार को अपने इलाज के लिए मदद देने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन उन्हें कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अनामिका मिश्रा कहती हैं, 'मैंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा और सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि या तो हमें इलाज मुहैया कराया जाए नहीं तो इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। मैं यह भूख हड़ताल तब तक जारी रखूंगी जब तक मुझे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उचित जवाब नहीं मिल जाता है।
I have written to President, Prime Minister, Chief Justice of India & Supreme Court demanding either entire medical treatment or permission for mercy killing. I will continue this hunger strike until I receive a proper response from the authorities: Anamika Mishra pic.twitter.com/UPSmRpBxfH
— ANI UP (@ANINewsUP) March 12, 2018
दोनों को इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए
अनामिका ने बताया कि वह और उनकी मां बिस्तर से उठ नहीं पाती हैं। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। दोनों घुट-घुटकर हर पल मर रही हैं, इसलिए अब चाहती हैं कि उन्हें इच्छामृत्यु दे दी जाए। अनामिका ने बताया कि उसने इलाज के लिए प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक गुहार लगाई, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। अब उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि या तो उनकी मां और उनका इलाज कराया जाए या फिर दोनों को इच्छामृत्यु की अनुमति दे दी जाए।
Anamika Mishra & her mother Shashi Mishra, both patients of Muscular Dystrophy, started a hunger strike in Kanpur after they allegedly didn't receive response to their letters urging help for medical treatment from the government. (11.03.2018) pic.twitter.com/2y0yVxlEc3
— ANI UP (@ANINewsUP) March 12, 2018
27 साल से बिस्तर पर अनामिका की मां
बताया जा रहा है कि कानपुर के शंकराचार्य नगर की रहने वाले शशि मिश्रा के पति ज्ञानेश मिश्रा पेशे से व्यवसायी थे। उनकी मृत्यु 15 साल पहले हो गई थी। पति मृत्यु के बाद 1985 में शशि मिश्रा की तबियत खराब हुई। उन्हें पता चला कि वह मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी नाम बीमारी से ग्रसित हैं। इस बीमारी के कारण वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं। बीमारी की वजह से शशि मिश्रा बीते 27 साल से बिस्तर पर हैं।
शशि की बेटी अनामिक मिश्रा (33) को शशि मिश्रा ने किसी तरह पढ़ाया लिखाया। बेटी ने बीकॉम की पढ़ाई के साथ कोचिंग पढ़ाकर घर खर्च चलाया। 6 साल पहले जब वह भी अपाहिज हो गई। तब उसे पता चला कि वह भी मां की तरह की मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से ग्रसित हो गई है। घर में कोई कमाने वाला नहीं बचा। घर में जो जमा-पूंजी थी दोनों के इलाज में खर्च हो गई। अब उनके पास इलाज के लिए फूटी-कौड़ी भी नहीं बची।