अयोध्या भूमि विवाद में पक्षकार रहे सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने का फैसला किया है। यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं।
उन्होंने कहा है कि फैसले पर कोई पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेंगे। हमने पहले ही तय किया था कि कोर्ट का फैसला हमें मान्य होगा। जफर फारुकी ने कहा कि हमने कहीं भी पांच एकड़ जमीन नहीं मांगी थी। जमीन के बारे में बोर्ड की बैठक जल्द ही की जाएगी। हम फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और बाद में इस पर निर्णय लेंगे।
बता दें कि बोर्ड ने अयोध्या मामले में गठित मध्यस्थता समिति को पिछले माह प्रस्ताव दिया था कि वह कुछ शर्तों के आधार पर विवादित स्थल से अपना दावा छोड़ने को तैयार है। फारुकी ने कहा था कि उन्होंने देशहित में यह प्रस्ताव दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने शनिवार को अपने बहुप्रतीक्षित फैसले के तहत अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए सरकार को निर्देश दिया कि वह अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन दे। कोर्ट ने विवादित स्थल की जमीन रामलला विराजमान को दी है और केंद्र को मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने में योजना तैयार करने और न्यास बनाने का निर्देश दिया।