गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखण्ड के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी ट्रैफिक जुर्माने की दर कम हो सकती है। दरअसल, राज्य सरकार यातायात नियमों के उल्लंघन पर वसूले जाने वाले जुर्माने की दरों पर फिर से विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश में जुर्माने की राशि ‘फिलहाल’ पुरानी वाली ही लागू रहेगी।
राज्य के परिवहन राज्यमंत्री अशोक कटारिया ने यहां संवाददाताओं से कहा 'उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जुर्माना राशि को कितना किया जाए। इसके बारे में सरकार पुनर्विचार कर रही है। फिलहाल जुर्माने की पुरानी दरें लागू रहेंगी।'
इन राज्यों में भी बदलाव
भाजपा शासित गुजरात, उत्तराखण्ड और कर्नाटक राज्यों की सरकारों ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की दरें अपने-अपने यहां आधी कर दी हैं, जबकि महाराष्ट्र और गोवा में इसके क्रियान्वयन को टाल दिया गया है। जुर्माने की दरों में पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ोत्तरी की आलोचना और सराहना दोनों ही हो रही है। संशोधित कानून के उल्लंघन पर हो रही सख्ती की सियासी आलोचना भी हो रही है।
अखिलेश ने साधा निशाना
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते रविवार को गाजियाबाद में वाहन निरीक्षण के दौरान यातायात पुलिसकर्मियों के कथित दुर्व्यवहार से क्षुब्ध एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत को 'ट्रैफिक टेररिज्म' का नतीजा करार दिया था। अखिलेश ने बुधवार को कहा था कि उत्तर प्रदेश की सरकार को इस मामले में गुजरात के नक्शे-कदम पर चलना चाहिये।