उत्तराखंड में एक ऑटो रिक्शा चालक अशोक की बेटी ने पीसीएस टॉपर बनकर प्रदेश का नाम भी रोशन किया। पूनम टोडी ने तीसरे प्रयास में सफलता की जो इबारत लिखी वह सबके लिए नजीर बन गई।
अशोक की बेटी पूनम टोडी ने न केवल पीसीएस-जे परीक्षा पास की बल्कि सर्वाधिक अंक लाकर पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। यह कामयाबी इसलिए भी अहम है, क्योंकि जज बनने के लिए पूनम दो बार इंटरव्यू तक पहुंचकर असफल हो चुकी थी।
इस सफलता पर पूनम की मां ने कहा कि हर मां को ऐसी ही बेटी मिले।
Uttarakhand: Poonam Todi, daughter of an auto driver residing in Dharampur's Nehru Colony in Dehradun, tops Provincial Civil Services (PCS-judicial) examinations 2016 result of which were declared today; her mother Lata Todi says 'I wish all mothers get daughters like her'. pic.twitter.com/6pQfa4Qf8p
— ANI (@ANI) March 1, 2018
पूनम के पिता अशोक टोडी ने कहा कि मेरी बेटी ने इसके लिए काफी मेहनत की है। इसका श्रेय उसके भाइयों, मां और उसके कठिन परिश्रम को जाता है। मैं अपनी भावनाएं शब्दों में नहीं व्यक्त कर सकता।
My daughter has worked really hard for this. The credit goes to her brothers, her mother and her hard work. I can't express my feelings in words. I wish all daughters make their parents proud like her: Ashok Todi, father pic.twitter.com/CRKgNFWmOV
— ANI (@ANI) March 1, 2018
पूनम टोडी ने कहा कि मैंने इसके लिए काफी मेहनत की। मेरे परिवार ने हर कदम पर मेरा साथ दिया। मेरे पिता ऑटो चलाते हैं लेकिन उन्होंने मेरे रास्ते में आर्थिक दिक्कतों को नहीं आने दिया। मैं अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाउंगी। मैं सारे माता-पिता से कहना चाहूंगी कि अपनी बेटियों को भी पढ़ने दें।
I've worked really hard for this. My family has supported me in every step. My father is an auto-driver but he never let financial constraints come in my way. I will perform my duties honestly. I would like to tell all parents to let their daughters study too: Poonam Todi pic.twitter.com/ERcL4L1e0t
— ANI (@ANI) March 1, 2018
देहरादून के नेहरू कालोनी निवासी अशोक कुमार टोडी पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते 10वीं से आगे नहीं पढ़ पाए। उन्होंने पढ़ाई छोड़कर टिहरी में दुकान चलानी शुरू कर दी। टिहरी बांध बनने के बाद परिवार देहरादून आ गया।
अशोक कुमार ने यहां भी दुकान शुरू की, लेकिन नहीं चल पाई। आखिरकार परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए उन्होंने ऑटो चलाना शुरू कर दिया। अशोक कुमार ने बताया कि उनका एक ही सपना था कि चारों बच्चों को पढ़ा-लिखाकर कामयाब बनाना है। ऑटो चलाकर चारों बच्चों को पढ़ाया। पूनम ने सरस्वती विद्या मंदिर से सातवीं तक की पढ़ाई करने के बाद 10वीं एमकेपी इंटर कॉलेज और 12वीं डीएवी इंटर कॉलेज से की।