Advertisement

'वैक्सीन मैत्री' योजना के तहत भारत फिर से सरप्लस टीकों का करेगा निर्यातः मनसुख मांडविया

भारत ने इस साल जनवरी में टीकाकरण शुरूआत होने पर 'वैक्सीन मैत्री' के तहत करोड़ों डोज दुनिया के कई देशों...
'वैक्सीन मैत्री' योजना के तहत भारत फिर से सरप्लस टीकों का करेगा निर्यातः मनसुख मांडविया

भारत ने इस साल जनवरी में टीकाकरण शुरूआत होने पर 'वैक्सीन मैत्री' के तहत करोड़ों डोज दुनिया के कई देशों को भी मुहैया कराई थी। लेकिन दूसरी लहर आने और वैक्सीन की कमी के कारण टीके का निर्यात रोक दिया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अब हालात सामान्य होने पर भारत सरकार ने फिर से निर्यात शुरू करने का फैसला लिया है। अगले महीने से विदेशों को आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत का आदर्श वाक्य वसुधैव कुटुम्बकम है, ऐसे में अक्टूबर से वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू कर दिया जाएगा, जो भी सरप्लस सप्लाई होगी, उनको ऐसे देशों में भेजा जाएगा जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, ताकि कोरोना के प्रति सामूहिक लड़ाई को लड़ा जा सके। गावी, कोलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (सीईपीआई) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ‘कोवैक्स’ पहल का सह-नेतृत्व कर रहे हैं।

भारत में कोविड-19 रोधी टीकों के स्वदेशी अनुसंधान और उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों और मार्गदर्शन के कारण भारत इतने बड़े पैमाने पर कोविड के टीकों का अनुसंधान और उत्पादन कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अक्टूबर महीने में 30 करोड़ से ज्यादा डोज का उत्पादन होगा। इसके बाद आने वाले तीन महीनों में 1 अरब डोज का उत्पादन कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 टीके की अब तक 81 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है, अंतिम 10 करोड़ खुराक महज 11 दिनों में दी गई।

बता दें कि इस साल अप्रैल के अंत तक भारत ने 66.4 मिलियन कोवैक्सिन और कोविशील्ड की खुराकों का निर्यात किया था। जिसे दुनियाभर के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को भेजा गया। इसमें कुछ दान के रूप में और कुछ वाणिज्यिक रूप से भेजे गए थे। विपक्षी दल खासकर कांग्रेसी नेता शुरू से ही वैक्सीन निर्यात का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले कहा था कि जब भारत में वैक्सीन सभी को नहीं लगी, तो सरकार क्यों दूसरे देशों को प्राथमिकता दे रही है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad