राहत और बचाव सामग्री लेकर भारतीय वायुसेना का एक सी-130 परिवहन विमान बुधवार को माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए जम्मू पहुंच गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह सभी की सुरक्षा और उनके कुशल होने की प्रार्थना करते हैं।
बता दें कि वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास बचाव अभियान अब भी जारी है, जहां मंगलवार को भूस्खलन हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर भूस्खलन के कारण लोगों की जान जाने की खबर दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।’’
जम्मू में हुए लैंडस्लाइड के बीच लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ के साथ सी-130 विमान राहत और बचाव सामग्री लेकर जम्मू पहुंच गया है। चिनूक, एमआई-17 वी5 जैसे हेलीकॉप्टर जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर, पठानकोट जैसे सभी जगहों पर सक्रिय रूप से तैयार हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
अर्धकुंवारी के पास मंगलवार को हुए इस भूस्खलन की चपेट में आए कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं। बचाव कार्य अब भी जारी है। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर एनडीआरएफ की टीमें मलबे में फंसे लोगों की तलाश में लगी हैं।
अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है। मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते बचाव दल तलाश जारी रखे हुए हैं। मलबे से 30 शव बरामद किए गए हैं, जबकि दो घायलों की अस्पताल में मौत हो गई।
मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ और पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए। घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई।
अब तक 32 की मौत, 20 घायल
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस हादसे में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में चौथे दिन भी भारी बारिश जारी है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लगातार बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि हुई है और राहत कार्यों में बाधा भी आ रही है।
कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की घुमावदार यात्रा के लगभग आधे रास्ते में अर्धकुंवारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन हुआ।
मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं, जिसमें हिमकोटि पैदल मार्ग पर सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न डेढ़ बजे तक यात्रा जारी थी। हालांकि अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए यात्रा अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया। लगातार कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जम्मू क्षेत्र में तबाही मचा दी है।
किश्तवाड़ जिले के मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले आखिरी गांव चशोती में 14 अगस्त को बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और भीषण तबाही का मंजर सामने आया। इस घटना में कम से कम 65 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री थे। इस प्राकृतिक आपदा में 100 से अधिक लोग घायल हो गए तथा 32 लोग अब भी लापता हैं।