इन दिनों जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) बीते रविवार 5 जनवरी को कैंपस में हुई हिंसा के बाद से लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस पर जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने कहा है कि हॉस्टल में रह रहे छात्र बाहरी व्यक्ति हो सकते हैं। उनके हिंसा में शामिल होने की संभावना है, क्योंकि उनका विश्वविद्यालय से कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले वीसी ने कहा था कि जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। बता दें कि कैंपस में हुई हिंसा में करीब 20 स्टूडेंट्स घायल हुए थे।
दिल्ली पुलिस ने किया यह दावा
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इसकी शुरुआत एक जनवरी से ही हो गई थी। मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पहचाने गए 9 छात्रों से जवाब मांगा है, जिसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष, चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन, सुचेता तालुकदार, वसकर विजय शामिल हैं। वहीं, जेएनयूएसयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस जेएनयू की कुलपति की भाषा बोल रही है। हालांकि अभी तक पुलिस जेएनयू कैंपस में लाठी-डंडे चलाने वालों और सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की कहानी पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बड़े सितारें भी जता चुके हैं विरोध
बीते रविवार को हुई हिंसा का कई नामचीन फिल्मी हस्तियां भी विरोध कर चुकी हैं। मुंबई के बांद्रा में अनुराग कश्यप, रीमा कागती, राजकुमार राव, मनोज बाजपेयी, निम्रत कौर, तापसी पन्नू, जोया अख्तर, दिया मिर्जा, गौहर खान, अनुभव सिन्हा, विशाल भारद्वाज सरिखे कई सितारों ने खुलकर इसका विरोध जताया, तो महेश भट्ट जैसे कई लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं ट्विटर के जरिए साझा कीं।
नकापोश थे हमलावर
जेएनयू हिंसा में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों पर हमला किया था। जिसमें आइशी घोष समेत कई छात्र बुरी तरह घायल हो गए थे। आइशी के सिर और हाथ में गंभीर चोट आई थी।