आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में पेश हुए, जहां उनसे वीडियोकॉन समूह को 1875 करोड़ रुपये के लोन देने में कथित अनियमितताओं को लेकर पूछताछ की गई। ईडी ने शुक्रवार को कोचर और धूत के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
वित्तीय फायदे पहुंचाने का है आरोप
वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक की ओर से 2012 में दिए गए 1,875 करोड़ रुपये के लोन और वीडियोकॉन के न्यूपावर रिन्यूएबल्स के साथ लेन-देन से जुड़े मामले में ईडी कार्रवाई कर रहा है। न्यूपावर चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी है।
ईडी ने इस महीने की शुरुआत में कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप हैं कि धूत ने लोन के बदले दीपक कोचर की कंपनी में निवेश किया था। चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए।
ईडी को कोचर दंपत्ति द्वारा खरीदी गई संपत्तियों की जांच करनी है जिसमें दक्षिण मुंबई स्थित उनके द्वारा खरीदा गया एक अपार्टमेंट भी शामिल है। ईडी के मुताबिक, कोचर दंपत्ति ने पैसों की हेराफेरी करने के लिए कई सारी कंपनियों को बनाया, जिसके जरिए वीडियोकॉन समूह को पैसा भेजा गया था।
सीबीआई ने जारी किया था लुकआउट नोटिस
जनवरी में सीबीआई ने भी चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने वीडियोकॉन कंपनी के मुंबई और औरंगाबाद स्थित दफ्तरों और दीपक कोचर के ठिकानों पर छापे भी मारे थे। कुछ दिनों पहले सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। ताकि, वो बिना बताए विदेश नहीं जा सकें।