दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने विजय माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। फेरा के उल्लंघन में ईडी के कई समन का जबाव न देने पर अदालत ने यह कार्रवाई की है। इससे पहले मुंबई की अदालत ने भी भगोड़ा घोषित किया है।
सुनवाई के दौरान विजय माल्या कोर्ट मे नहीं आ रहे थे। उन्होंने कहा था कि उनके पासपोर्ट पर लगाई रोक से वह भारत नहीं आ पा रहे हैं जबकि ईडी ने कोर्ट को बताया था कि माल्या का व्यवहार संदिग्ध है और उनके भारत आने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। ईडी ने कहा था कि भारतीय दूतावास माल्या को भारत आने के लिए जरूरी दस्तावेज मुहैया करा सकता है। अगर वह भारत आने के इच्छुक थे तो उन्हें भारतीय दूतावास से संपर्क करना चाहिए था। लेकिन माल्या ने इन्हें हासिल करने के लिए संपर्क नहीं किया।
कोर्ट ने इससे पहले माल्या को कोर्ट में पेश न होने की छूट पर रोक लगा दी थी। 1995 के एक मामले में ईडी ने आरोप लगाए हैं कि माल्या ने फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (फेरा) का उल्लंघन किया है। माल्या ने एक कंपनी को लंदन और दूसरे यूरोपीय देशों में 1996, 1997 और 1998 में हुई फार्मूला वन वर्ल्ड चैंपियनशिप में किंगफिशर का लोगो इस्तेमाल करने के लिए दो लाख डॉलर दिए थे। आरोप है कि इस रकम को विदेशी फर्म को देने से पहले माल्या ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मंजूरी नहीं ली थी।