आध्यात्मिक पर्यटन ने भारत में एक आदर्श बदलाव का अनुभव किया है। भारत एक महाद्वीप होने के नाते एक देश नहीं है, असम का कोई व्यक्ति शिरडी की यात्रा करना चाहता है या केरल का कोई व्यक्ति कामाख्या देवी के दर्शन करना चाहता है, तो पहले उसे बहुत-सोचविचार करना पड़ता था, कैसे जाएगा, कहां ठहरेगा आदि लेकिन अब यह सब बिल्कुल आसान हो गया है। माई तीर्थ इंडिया ने आसान बना दिया है। माई तीर्थ इंडिया घर से लेकर घर तक आने-जाने से लेकर ठहरने और खाने-पीने तक और सबसे बढ़कर एक निर्बाध पूजा और दर्शन, यहां तक कि दर्शनीय स्थलों की यात्रा तक ऐसी सभी समस्याओं को दूर कर देता है।
माई तीर्थ इंडिया के फाउंडर इंद्रनील दासगुप्ता ने बताया कि बहुत ही मामूली शुरुआत से सिर्फ एक विचार और 2 लोगों के साथ, माई तीर्थ इंडिया अब पूरे देश में आधार को छूने की कोशिश कर रहा है। भजन सम्राट अनूप जलोटा और प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल माई तीर्थ इंडिया के ब्रांड एंबेसडर हैं। इंद्रनील दासगुप्ता ने बताया कि भारतीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन करीब 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। उन्होंने बताया कि अब इस क्षेत्र में नए इंटरप्रेन्योर उतर आए हैं। अब आध्यात्मिक पर्यटन से सूचना प्रौद्योगिकी भी जुड़ चुका है। देश में पर्यटन की नई शुरूआत है।
माई तीर्थ इंडिया लोगों के आध्यात्मिक यात्रा को देखने और सोचने के तरीके को बदल देना चाहता है। माई तीर्थ इंडिया भारत की वन-स्टॉप आध्यात्मिक केन्द्र है, जो तीर्थ यात्रा से लेकर लाइव ऑनलाइन पूजा तक ज्योतिष से लेकर आयुर्वेद तक उत्पादों से लेकर ऑनलाइन प्रसाद वितरण तक सब कुछ एक ही छत के नीचे उपलब्ध करा रहा है। इसके लिए भारत में प्रमुख ज्योतिषियों, आयुर्वेदिक डॉक्टरों के साथ करार किया है। ऑनलाइन प्रसाद वितरण का काम शुरू किया गया है। इसमें नाम और गोत्र में पूजा के बाद ही देश और विदेश के सभी प्रमुख मंदिरों से सीधे ग्राहकों के घर प्रसाद पहुंचाते हैं। अब माई तीर्थ इंडिया अपने भागीदारों और फ्रेंचाइजी के माध्यम से शहरों में वन स्टॉप आध्यात्मिक आउटलेट शुरू करने की योजना बना रहा है।