आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर प्लांट में गैस रिसाव हो गया। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 1000 लोग इसकी चपेट में आये हैं जिसमें 246 की हालत गंभीर है। प्लांट से स्टाइरीन वैपर गैस लीक हुई है। इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मामले पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से इलाज और बचाव कार्य की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही आयोग ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से यह भी पूछा कि क्या कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत निर्धारित मानदंडों को विशेष औद्योगिक इकाई में लागू किया जा रहा है। राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी एक नोटिस जारी किया है। उनसे पूछा गया है कि इस मामले में कितनी एफआईआर दर्ज हुईं और जांच की स्थिति क्या है। आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
मौजूदा समय में रिसाव होना दुखद
आयोग ने कहा है कि पीड़ितों के जीवन के साथ यह घोऱ अन्याय है। ऐसे समय में जब देश भर में मानव जीवन कोविड-19 के कारण दांव पर है और हर कोई घरों पर रहने के लिए मजबूर है। ऐसे में इस तरह की घटना का होना दुखद है। एनएचआरसी ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। आयोग ने बयान में कहा है कि गैस के रिसाव ने लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में लोगों को प्रभावित किया है। कई लोगों को सड़कों पर पड़ा देखा जा सकता था, जबकि कुछ को सांस लेने में कठिनाई और उनके शरीर पर चकत्ते की शिकायत थी।
प्लास्टिक का निर्माण करती है कंपनी
हिंदुस्तान पॉलिमर (एलजी) कंपनी की स्थापना 1961 में हुई थी। 1978 में इसे यूडी ग्रुप के मैकडोवल्स के साथ मर्ज कर दिया गया। लेकिन 1997 में कंपनी को साउथ कोरिया के एलजी केमिकल ने खरीद लिया था और इसे एलजी पॉलिमर नाम दिया गया था। प्लांट में प्लास्टिक बनाने का काम होता है। दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी पॉलिमर्स पॉलीस्टीरीन और कई कामों में आने वाला प्लास्टिक बनाती है जिसका इस्तेमाल अलग अलग तरह के उत्पाद बनाने में होता है जैसे खिलौने। कारखाना सामान्य-उद्देश्य पॉलीस्टाइनिन और उच्च प्रभाव पॉलीस्टाइनिन, एक्सपेंडेबल पॉलीस्टाइनिन और इंजीनियरिंग प्लास्टिक यौगिकों का निर्माण करता है।