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कर्नाटक में कांग्रेस का वोट शेयर भाजपा से ज्यादा लेकिन सीटें कम

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रुझान आ रहे हैं। रुझानों में ही भाजपा ने बढ़त बना ली है और बहुमत की ओर बढ़ रही...
कर्नाटक में कांग्रेस का वोट शेयर भाजपा से ज्यादा लेकिन सीटें कम

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रुझान आ रहे हैं। रुझानों में ही भाजपा ने बढ़त बना ली है और बहुमत की ओर बढ़ रही है। ताजा जानकारी मिलने तक भाजपा 110, कांग्रेस 72 जेडीएस 33 सीटों पर आगे हैं।

वोट शेयर में कांग्रेस आगे

अभी तक के रुझानों में वोट शेयर की बात करें तो कांग्रेस की सीटें भले कम हों लेकिन उसका वोट शेयर भाजपा से ज्यादा है। अब तक कांग्रेस को 38.1 फीसदी, भाजपा को 36.7 फीसदी और जेडीएस को 17.6 फीसदी मत मिले हैं। हालांकि दोनों का अंतर काफी कम है।

12:44 बजे तक-

बिंदुओं में जानिए सूबे का सियासी हालचाल...

-राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था। आरआर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था। जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था।

-ज्यादातर सर्वेक्षणों के अनुसार सत्तारुढ़ कांग्रेस और भाजपा सत्ता के दो प्रबल दावेदार हैं जबकि पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा का जनता दल सेकुलर किंगमेकर की भूमिका निभा सकता है।

-वैसे 1985 के बाद से कर्नाटक में कोई भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाया है। उस साल रामकृष्ण हेगड़े की अगुवाई में जनता दल फिर सत्ता पर काबिज हुआ था।

-भाजपा ने सिर्फ एक बार 2008 से 2013 के बीच कर्नाटक में शासन किया था लेकिन उसका कार्यकाल पार्टी की अंदरुनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा था। उसके तीन मुख्यमंत्रियों में से एक और फिलहाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येद्दयुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में थे।

-जनता दल सेकुलर के अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी ने माना है कि उनकी पार्टी के लिए यह जीवन-मरण का सवाल है। जदएस फिलहाल एक दशक से सत्ता से बाहर है।

-कांग्रेस को विश्वास है कि वह लगातार सत्ता में नहीं आने के चलन को तोड़ेगी और सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी पार्टी इतिहास रचेगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मुझसे अक्सर कहा जाता है कि इतिहास मेरे विरुद्ध है क्योंकि लंबे समय से कर्नाटक में किसी सरकार का पुनर्निर्वाचन नहीं हुआ। लेकिन हम यहां इतिहास रचने के लिए हैं, न कि उसे मानने के लिए।’’

-उधर, कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी कि इतिहास दोहराया जाए। भाजपा ने‘ मिशन 150 ( सीट )’ के साथ अपना अभियान शुरु किया था लेकिन शाह ने कहा कि पार्टी 130 से अधिक सीटें जीतेंगी। 2013 के विपरीत भाजपा इस बार एकजुट है। उस साल वह येद्दियुरप्पा की केजीपी, बी श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस जैसे धड़ों में बंटी थी।

-सिद्धरमैया समेत चार वर्तमान एवं पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव मैदान में हैं। येद्दियुरप्पा शिकारीपुरा से, कुमारस्वामी चेन्नापटना और रमनगारा से तथा भाजपा के जगदीश शेट्टार हुब्बली धारवाड़ से चुनाव लड़े हैं।

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