आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा मारे गए 39 भारतीयों के शवों को लाने के लिए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह 1 अप्रैल यानी रविवार को इराक के लिए रवाना होने की संभावना है। इससे पहले उन्होंने कहा, 'हम भारतीयों के शव लाने के लिए इराक की सहमति का इंतजार कर रहे हैं।उन्होंने कहा, जैसे ही हमें बगदाद राजदूत से सहमति मिलती है, हम C-17 प्लेन से भारतीयों के शव लाने के लिए रवाना होंगे। हम उन्हें परिवारों को सौंप देंगे।'
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">As soon as we get a nod from Baghdad ambassador, we will leave with a C-17 plane to bring back the mortal remains with due honours. We will handover the mortal remains to their families. They won't have to come to the airport: VK Singh, MoS MEA on 39 Indians killed in Mosul <a href="https://t.co/JTFQYDSB7c">pic.twitter.com/JTFQYDSB7c</a></p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/979959792327450624?ref_src=twsrc%5Etfw">March 31, 2018</a></blockquote>
<script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
बता दें कि 20 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि इराक में लापता हुए 39 भारतीयों की हत्या आतंकी संगठन द्वारा की जा चुकी है। तभी से शवों को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। वी के सिंह ने आशंका जताई थी कि शवों को भारत लाने में दो हफ्तों का समय लगेगा।
मृतकों के परिवार वालों ने विदेश मंत्रालय के रवैये पर नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हमें गुमराह करती रही, जबकि हत्या की जानकारी सरकार को पहले हो चुकी थी। इराक में हुई फोरेंसिक जांच के मुताबिक हत्या 1 साल पहले हुई थी और उनके शवों को एक पहाड़ी में दफना दिया गया था। डीएनए टेस्ट के बाद भारतीयों की पुष्टि हो पाई थी। सुषमा स्वराज ने सदन में कहा था कि बिना सबूत के किसी को भी मृत घोषित करना पाप है और मैं यह पाप नहीं कर सकती थी।