उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग में 16 दिन फंसे रहने के बाद बाहर निकले श्रमिक विशाल ने कहा कि उन्होंने कभी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा था। केंद्रीय और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17वें दिन मंगलवार की शाम को सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिक सकुशल बाहर निकाल लिए गए।
बाहर आने के बाद हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले श्रमिक विशाल ने सुरंग के बाहर बेसब्री से इंतजार कर रहे अपने परिवार के लोगों से बातचीत की जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया।
मलबे से बाहर निकाले जाने के बाद श्रमिकों की सुरंग में ही त्वरित चिकित्सकीय जांच की गई और उसके बाद उन्हें सिलक्यारा से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां 41 बिस्तरों का एक विशेष वार्ड तैयार किया गया है।
फोन पर ‘पीटीआई’ से बातचीत में विशाल ने कहा, ‘‘हमने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी थी…. मैं बिल्कुल ठीक हूं। हम सभी ठीक हैं और मैं उन सभी को धन्यवाद करता हूं जिन्होंने हमें सुरक्षित बाहर निकाला।’’
यह पूछे जाने पर कि सुरंग में उन्होंने इस कठिन घड़ी का सामना कैसे किया, उन्होंने कहा, ‘‘शुरूआती कुछ घंटे मुश्किल थे क्योंकि हमें घुटन महसूस हो रही थी, लेकिन उसके बाद बाहर से लोगों के साथ संपर्क हुआ और फिर धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया।’’
सुरंग से बाहर निकाले गए सभी 41 श्रमिकों को चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। श्रमिकों को उनके घर पहुंचाए जाने से पहले ऋषिकेश एम्स ले जाए जाने की संभावना है।