पश्चिम बंगाल सरकार ने पंचायत चुनाव पर रोक के खिलाफ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की है। अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनावों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह सोमवार तक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। इस रिपोर्ट के आने तक चुनाव संबंधी सारी प्रक्रियाएं जिनमें नाम वापसी और नामांकन पत्रों की जांच पर रोक लगा दी। इतना ही नहीं कोर्ट ने भाजपा को कोर्ट को गुमराह करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। राज्य में पंचायत चुनाव एक, तीन व पांच मई को होने हैं, जबकि मतों की गिनती आठ मई को होनी तय थी।
इससे पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में पर्चा भरने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा था कि वह चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। साथ ही कहा था कि हाईकोर्ट में जाकर पिटीशन दायर कर सकते हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है क्योंकि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस बड़े पैमाने पर चुनावी हिंसा में लिप्त है और आगामी पंचायत चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवारों को पर्चा दाखिल नहीं करने दे रही है। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त सहायक पंचायत चुनाव पंजीकरण अधिकारी भाजपा उम्मीदवारों को पर्चा के फॉर्म देने से इनकार कर रहा है। पश्चिम बंगाल भाचपा ने नामांकन पत्र ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की मांग की थी।