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व्हाट्सएप ने दिया सरकार को जवाब, मैसेज फॉरवर्ड को लेकर उठाए जा रहे कदम

व्हॉट्सएप ने बुधवार को कहा कि वह अपने इस प्लेटफॉर्म पर अफवाहों के चलते कुछ जगह भीड़ की हिंसा की घटनाओं...
व्हाट्सएप ने दिया सरकार को जवाब, मैसेज फॉरवर्ड को लेकर उठाए जा रहे कदम

व्हॉट्सएप ने बुधवार को कहा कि वह अपने इस प्लेटफॉर्म पर अफवाहों के चलते कुछ जगह भीड़ की हिंसा की घटनाओं से आहत है। उसने इस मंच के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय को दी है। ऐसा मानना है कि देश में हाल ही में हिंसक भीड़ द्वारा कुछ लोगों को संदेहवश पीटपीट कर जान से मारने की घटनाओं में व्हाट्सएप के गलत संदेशों के उकसावे की भूमिका रही। सरकार ने मंगलवार को व्हाट्सएप से कहा था कि वह अपने मंच पर गैरजिम्मेदार तथा भड़काऊ संदेशों के प्रसार को रोकने के उपाय करे।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा, ‘व्हाट्सएप ने कैलीफोर्निया से हमें मैसेज भेजा है। उनका कहना है कि उन्होंने एक सेटिंग लॉन्च की है जिससे ग्रुप एडमिन तय कर सकता है कि कौन मैसेज ग्रुप में भेजे। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि बगैर पढ़े और समझे मैसेज फॉरवर्ड न हों।‘ उन्होंने कहा, ‘सरकार व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक का स्वागत करती है लेकिन उन्हें जिम्मेदार, जवाबदेह और सजग भी रहना होगा।‘

व्हाट्सएप ने कहा है कि वह दो सूत्रीय तरीका अपनाती है। इसमें एक लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए नियंत्रण की सुविधा और सूचनाएं दी जाती हैं और वह व्हाट्सऐप का दुरुपयोग रोकने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। व्हाट्सएप ने मंत्रालय को भेजी प्रतिक्रिया में उन कदमों की जानकारी दी है जो फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए उठाये जा रहे हैं। इनमें उत्पाद नियंत्रण, डिजिटल शिक्षा, तथ्यों को परखने की पैरवी और दुरुपयोग रोकने के सक्रिय उपाय शामिल हैं।

उसने कहा, 'हम अपराधों की जांच में कानून सम्मत अनुरोध मिलने पर जवाब देते हैं और जांच में मदद भी करते हैं। इसके बाद हम तुरंत कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाते हैं। इसी कारण वे हमारे रवैये से परिचित हैं कि हम किस तरह से मदद कर सकते हैं।'

इससे पहले  सरकार ने कहा था कि कंपनी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकती है। व्हाट्सएप ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से कहा कि फर्जी खबरें , गलत सूचनाएं और अफवाहों तथा भय फैलने से रोकने के लिए सरकार, समाज एवं प्रौद्योगिकी कंपनियों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।

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