सुनंदा पुष्कर मौत मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर को दिल्ली की एक अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया है। बता दें कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी।
सुनंदा की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर को आरोपी बनाया था और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 498 ए के तहत केस दर्ज किया था लेकिन सात साल बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने थरूर को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत से राहत मिलने के बाद थरूर ने कहा कि उन्होंने साढ़े सात साल टॉर्चर में गुजारे हैं। हालांकि, इस मामले में शशि थरूर को अभी तक एक बार भी गिरफ्तार नहीं किया गया है और उन्हें जमानत मिलती रही हैं।
सुनंदा पुष्कर मौत मामले में कब क्या हुआ?
शुरुआती जांच में कहा गया था कि सुनंदा की मौत दवाइयों के ओवरडोज से हुई है लेकिन इस हाईप्रोफाइल मामले में 19 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर का पोस्टमार्टम एम्स में हुआ था। वहां के डॉक्टर्स ने बताया था कि सुनंदा के शरीर पर 12 से ज्यादा निशान थे। इसमें से एक उनके गाल पर था जो ये बताता है कि उनके चेहरे को तेज चोट पहुंची और साथ ही इंसानी दांतों से काटे जाने का एक निशान उनके बायें हाथ पर था। उनके शरीर में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे ये कहा जा सकता कि सुनंदा की मौत दवाइयों के ओवरडोज से हुई थी। उनके शरीर में ‘एल्प्राज़ोलम' (एक एंटी-एन्ग्ज़ाइटी ड्रग) की नाममात्र मात्रा में मौजूदगी मिली थी। डॉक्टर्स ने ये भी कहा कि उनकी मौत गैर-प्राकृतिक और अचानक हुई।
29 सितंबर 2014- मौत के लगभग 9 महीने बाद एम्स के डॉक्टर्स ने शरीर के ऑर्गन्स की जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी। सभी जांचों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी जिसे एम्स ने दिल्ली पुलिस को सौंपा था।
1 जनवरी 2015- इस रिपोर्ट के बाद सरोजनी नगर थाने में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।
- इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए फॉरेंसिक ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) अमेरिका की लैब में भेज दिया गया था। लेकिन वहां भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका।
6 जनवरी 2015- वो मौका जब ये केस सुसाइड से बदलकर मर्डर की तरफ मुड़ गया। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि सुनंदा पुष्कर ने खुदकुशी नहीं की है बल्कि मर्डर का केस है। दिल्ली पुलिस ने अनजान लोगों के खिलाफ केस रजिस्टर कर दिया।
फरवरी 2016- दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने शशि थरूर और उनके कई परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों व अन्य से पूछताछ की लेकिन नतीजा नहीं निकला। शशि थरूर ने ड्रग ओवरडोज की बात कही।
15 मई 2018- दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर पर सुनंदा को खुदकुशी करने के लिए उकसाने के चार्ज लगाए। 3 हजार पन्ने की चार्जशीट दायर हुई। चार्जशीट में ये भी लिखा था कि शशि थरूर अपनी पत्नी के साथ क्रूरता से पेश आते थे।
5 जून 2018- शशि थरूर को दिल्ली में कोर्ट के सामने पेश होना पड़ा। थरूर ने कहा कि वो निर्दोष हैं और कोर्ट में सच्चाई सामने आकर ही रहेगी।
12 अप्रैल 2021- दिल्ली की राउज एंवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि शशि थरूर को अभी तक एक भी बार गिरफ्तार नहीं किया गया है और उन्हें जमानत मिलती रही है। मामला कोर्ट में लंबित था।