ओमिक्रॉन के खतरे के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 वैक्सीन Covovax को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। यह सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की नोवावैक्स वैक्सीन का वर्जन है। इस टीके को 12 से 17 साल के बच्चों के लिए तैयार किया गया है। अदार पूनावाला ने ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया है कि कोवावैक्स वैक्सीन ज्यादा असरदार और सुरक्षित है। यह कोरोना के ख़िलाफ़ हमारी लड़ाई में एक और मील का पत्थर है।
डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'अमेरिका स्थित नोवावैक्स से लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित टीके को अब वैश्विक वैक्सीन शेयरिंग सिस्टम के तहत कोवावैक्स के रूप में वितरित किया जाएगा।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मारिएंजेला सिमाओ ने कहा, 'ऐसे समय में नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं, वैक्सीन सॉर्स कोव-2 से होने वाली गंभीर बीमारी और मौतों से लोगों को बचाने का सबसे प्रभावी उपाय है। इस कदम का उद्देश्य खासतौर पर कम आयवालों देशों में वैक्सीन की पहुंच बढ़ाना है।' उन्होंने कहा कि कम आय वाले देशों में से 41 अभी भी अपनी आबादी के 10 फीसदी को वैक्सीन देने में सक्षम नहीं हो पाए हैं जबकि 98 देश, 40 फीसदी वैक्सीनेशन तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।
कोवोवैक्स वैक्सीन को सीरम ने नोवैवैक्स कंपनी के साथ मिलकर तैयार किया है। जितने भी ट्रायल अभी तक किए गए हैं, ये वैक्सीन काफी असरदार साबित हुई है। इसी वजह से डब्ल्यूएचओ ने 9वीं वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है।
कुछ समय पहले ही नोवावैक्स-एसआईआई की इस वैक्सीन को इंडोनेशिया और फिलीपींस में भी इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी गई है। भारत में भी आपतकाल इस्तेमाल के लिए आवेदन कर दिया गया है। कंपनी ने साफ कर दिया है कि कोरोना की लड़ाई में कोवोवैक्स वैक्सीन निर्णायक भूमिका निभाने वाली है।
अभी फुल लाइसेंस के लिए कंपनी को लगातार वैक्सीन से जुड़े जरूरी डेटा देने होंगे। कोवोवैक्स वैक्सीन को 8 °C के तापमान में रखा जा सकता है। इस वैक्सीन का ज्यादा असर तब होगा जब इसकी दो डोज दी जाएंगी।
दुनिया भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के फैलने के बाद टीकाकरण पर एक बार फिर से जोर दिया जा रहा है। दो दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बहुत तेज़ी से फैल रहा है और इस बात की संभावना है कि यह दुनिया के अधिकतर देशों में हो सकता है। एक शोध में पता चला है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के मूल और डेल्टा वैरिएंट की तुलना में लगभग 70 गुना तेजी से फैलता है।