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कौन हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना, जो बन सकती हैं भारत की पहली महिला सीजेआई

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में...
कौन हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना, जो बन सकती हैं भारत की पहली महिला सीजेआई

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए 9 नए जजों के नाम की सिफारिश की है। इन नौ नामों में जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम भी शामिल है। ऐसा बताया जा रहा है कि साल 2027 में ये देश की पहली महिला मुख्य न्यायधीश बन सकती हैं। इन नौ नामों में तीन महिला जजों- जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी के नाम भी शामिल हैं। वर्तमान में जस्टिस बीवी नागरत्ना कर्नाटक हाईकोर्ट में, जस्टिस हिमा कोहली तेलंगाना हाईकोर्ट में और जस्टिस बेला त्रिवेदी गुजरात हाईकोर्ट में जज हैं।

बता दें कि जस्टिस बीवी नागरत्ना को 2008 में पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त किया गया और इसके करीब दो साल बाद उन्हें जज के तौर पर स्थाई नियुक्ति दी गई। सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति को एक ऐतिहासिक पल माना जा रहा है।

 

जस्टिस नागरत्ना ने बेंगलुरु में एक वकील के रूप में अपने करियर की  शुरुआत की थी। फरवरी 2008 में इन्हें कर्नाटक एचसी में एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके दो साल बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। जस्टिस नागरत्ना के पिता, ईएस वेंकटरमैया 1989 में लगभग छह महीने के लिए सीजेआई थे। अगर केंद्र सरकार जस्टिस नागरत्ना के नाम को मंजूरी दे देती है, तो वह 2027 में एक महीने से अधिक समय के लिए सीजेआई होंगी।

नवंबर 2009 में जस्टिस नागरत्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट के दो अन्य न्यायाधीशों के साथ एक कमरे में बंद कर दिया गया था। विरोध करने वाले वकीलों के एक समूह ने उन्हें अदालत के कमरे में बंद कर दिया था। लेकिन न्यायमूर्ति नागरत्ना ने गरिमापूर्ण तरीके से इस स्थिति का सामना किया। घटना के बाद में उन्होंने कहा: "हम नाराज नहीं हैं, लेकिन हमें दुख है कि बार ने हमारे साथ ऐसा किया है। हमें शर्म से सिर झुकाना पड़ रहा है।"

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले अन्य जजों में वरिष्ठ वकील और पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा का नाम भी शामिल है। इनके अलावा कॉलेजियम ने जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस एमएम सुंदरेश के नाम की भी सिफारिश की है।

बता दें कि लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में एक महिला सीजेआई की मांग उठती रही है। पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने भी अपनी रिटायरमेंट से पहले कहा था कि भारत में अब एक महिला चीफ जस्टिस नियुक्त होने का समय आ गया है। बीते अप्रैल में आयोजित एक कार्यक्रम में एसए बोबड़े ने कहा, 'हमारे लिए महिलाओं का हित सर्वोपरि है और हम इसे बेहतरीन तरीके से लागू कर रहे हैं। इसपर हमारे नजरिए में कोई बदलाव नहीं आया है, हमें केवल एक अच्छे उम्मीदवारों का इंतजार है।'

 

 

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