ताजमहल के संरक्षण एवं रख-रखाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के लिए कोई कुछ नहीं कर रहा है।
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ताजमहल को लेकर विजन डॉक्युमेंट का ड्राफ्ट पेश करने को लेकर कोर्ट ने कहा कि क्या यहां तमाशा हो रहा है? कोर्ट ने पूछा कि इतने समय में भी आप ड्राफ्ट पेश कर रहे हैं, क्या इसमें फिर से संशोधन करेंगे?
ताज की सुरक्षा के लिए कौन है जिम्मेदार ?
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दौरान पेश हुए आगरा के डीएम से कहा कि यहां तमाशा हो रहा है या मजाक चल रहा है। कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से पूछा कि कोर्ट को सोमवार तक बताया जाए कि ताज की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है?
‘हेरिटेज जोन की लिस्ट से ताज को हटाना काफी शर्मिंदगी भरा हो सकता है’
यूपी सरकार की ओर से एजी केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि एएसआई ताज ट्रेपेजियम जोन में उद्योग को स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार नहीं है। यूनेस्को दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन नको अपनी हेरिटेज जोन की लिस्ट से हटाने की तैयारी कर रही है, ऐसे में अगर ताज महल को अगर इस लिस्ट से हटा दिया गया तो यह काफी शर्मिंदगी भरा हो सकता है।
'एक अथॉरिटी होनी चाहिए, जो जिम्मेदारी ले’
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस लोकुर ने कहा, 'एक अथॉरिटी होनी चाहिए, जो जिम्मेदारी ले। ऐसा लग रहा है जैसे अथॉरिटियों ने ताज से हाथ धो लिया है। हम ऐसी स्थिति में हैं कि हमने एक विजन डॉक्युमेंट तैयार किया है, जिसमें एएसआई की कोई हिस्सेदारी नहीं है।'
SC ने दिया केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वे इसके लिए अधिकारियों और अथॉरिटियों को नियुक्त करें, जो ताजमहल के रखरखाव का काम करेगी और ताज ट्रेपेजियम जोन को फिर से विकसित करेगी। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ताजमहल के आसपास हो रहे निर्माण पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद यूपी सरकार ने इसके रख रखाव के लिए ड्राफ्ट कोर्ट में पेश किया था।
जानें विजन डाक्यूमेंट में क्या कहा
24 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने ताजमहल संरक्षण के लिए बन रहे विजन डॉक्यूमेंट का शुरुआती ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था, जिसमें उसने कहा कि स्मारक के संरक्षण को लेकर अब आसापास के इलाके में प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद होगा और बोतलबंद पानी की भी मनाही होगी।
यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा कि ताज के पास से प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को भी हटाया जाएगा और अधिक पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि यातायात को नियंत्रित करने के लिहाज से यमुना रिवरफ्रंट के साथ पदयात्रियों के लिए सड़क भी बनेगी। इससे यातायात घटेगा।