वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को ईमानदारी की जीत और ईमानदारी का उत्सव बताए जाने को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने कहा कि तो फिर भाजपा ने इसका विरोध क्यों किया था और क्यों इसे पांच साल तक रोका।
चिदंबरम ने जीएसटी के क्रियान्वयन में कथित खामियों के लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए सवाल किया कि इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और वित्त मंत्रालय का प्रभार देख रहे पीयूष गोयल चुप क्यों हैं।
चिदंबरम ने यह भी पूछा कि क्या सरकार उन लाखों व्यापारियों और निर्यातकों की पीड़ा से अवगत है जो अपना पैसा फंसे होने से परेशान हैं?
भाजपा ने इसका पहले विरोध क्यों किया था?: चिदंबरम
उन्होंने ट्वीट किया, 'अगर जीएसटी ईमानदारी की जीत और ईमानदारी का जश्न है तो भाजपा ने इसका पहले विरोध क्यों किया था और पांच साल तक इसके क्रियान्वयन को अवरुद्ध क्यों कर रखा था?'
पूर्व वित्त मंत्री ने सवाल किया, 'जीएसटी के क्रियान्वयन में आई कई खामियों पर प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और कार्यवाहक वित्त मंत्री क्यों नहीं बोल रहे? 12 महीने बाद भी जीएसटी रिटर्न फॉर्म-2 और जीएसटी रिटर्न फॉर्म-3 को अधिसूचित क्यों नहीं किया?’
जीएसटी को लेकर क्या बोले थे पीएम मोदी
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में जीएसटी के एक साल पूरा होने का उल्लेख करते हुए कहा था इससे लोगों का 'एक देश एक कर’ का सपना पूरा हो गया। उन्होंने जीएसटी को ईमानदारी की जीत और ईमानदारी का उत्सव बताया था जिसने देश से इंसपेक्टर राज को खत्म कर दिया।