कोविड-19 महामारी के दौर में भी सरकार जिस तरह बार-बार अपने फैसलों पर यू-टर्न ले रही है, उससे आम आदमी से लेकर कारोबारियों में भ्रम की स्थिति बन गई है। हाल में इसके कई उदाहरण सामने आए हैं। एक मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों से जुड़ा है, और दूसरा नागरिक उड्डयन मंत्रालय और रेलवे से। सरकारी विभागों के निर्देशों के मुताबिक, लोगों ने ई-कॉमर्स खरीदारी के साथ ट्रेन और प्लेन टिकट बुक करना शुरू कर दिया, लेकिन बाद में पता चला कि फैसला ही बदल गया। लोगों को बुकिंग की राशि वापस मिलने में भी परेशानी हो रही है।
पहले कहा, 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियां कंज्यूमर ड्यूरेबल की डिलीवरी करेंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की, तो साथ ही यह भी कहा कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ ढील दी जाएगी। इसी के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए कि किन इलाकों में किन गतिविधियों की छूट रहेगी। इन्हीं दिशानिर्देशों में कहा गया कि 20 अप्रैल से ईकॉमर्स कंपनियां मोबाइल फोन, टीवी और फ्रिज जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पादों की भी डिलीवरी कर सकती हैं। जाहिर है कि सरकार की तरफ से दिशानिर्देश जारी होने के बाद ईकॉमर्स कंपनियों ने ऑर्डर लेना शुरू कर दिया।
विरोध हुआ तो कंज्यूमर ड्यूरेबल पर बदला फैसला
जल्दी ही इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने यह कहकर विरोध किया कि कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए ईकॉमर्स कंपनियों को सिर्फ जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी की अनुमति दी जानी चाहिए। रिटेलर्स ने भी सरकार के निर्णय का विरोध किया। उनका कहना था कि जब ईकॉमर्स कंपनियां सामान बेच सकती हैं, तो रिटेल स्टोर क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि रिटेल स्टोर को भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन करते हुए इन वस्तुओं की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए। अंततः लॉकडाउन में ढील से ठीक एक दिन पहले गृह मंत्रालय ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए कहा कि ईकॉमर्स कंपनियां सिर्फ जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी कर सकेंगी।
रेल और प्लेन टिकट की बुकिंग को लेकर भी बना रहा भ्रम
दूसरा मामला विमान और रेल टिकट की बुकिंग का है। सरकार ने जब कहा कि लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया गया है, तो उस फैसले में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि 4 मई से एयरलाइंस टिकटों की बुकिंग शुरू कर सकती हैं या नहीं। लिहाजा सभी एयरलाइंस ने एडवांस बुकिंग शुरू कर दी। लेकिन रविवार को पहले उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और फिर विमानन रेगुलेटर डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइंस अभी बुकिंग न करें, इसके बारे में बाद में निर्देश जारी किया जाएगा। लॉकडाउन के पहले चरण (25 मार्च से 14 अप्रैल) के समय भी रेलवे और एयरलाइंस ने 15 अप्रैल से बुकिंग शुरू कर दी थी। बाद में रेलवे को 38 लाख टिकट रद्द करने पड़े। एयरलाइंस ने रिफंड में आनाकानी की तो डीजीसीए को निर्देश जारी करना पड़ा कि उन्हें बिना कोई शुल्क काटे पूरा पैसा लौटाना पड़ेगा।