सूत्रों की माने तो सरकार ने 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। मानसून सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में शुरू होता है लेकिन इस बार यह समयपूर्व 16 नवंबर को शुरू हो रहा है। सत्र के समय पूर्व आयोजन का उद्देश्य केंद्रीय जीएसटी :सीजीएसटी: और एकीकृत जीएसटी :आईजीएसटी: को जल्द से जल्द पास करवाना है ताकि वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: का रास्ता साफ हो सके।
इस सत्र के दौरान कुछ मुद्दे खासतौर पर हावी रहेंगे मसलन सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले और कुछ पार्टियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप कि सरकार इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, दूसरा 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य करार दिया जाना।
सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है। इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से प्रारंभ किया जा सकता है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार शत्रुु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित करने पर भी जोर देगी।
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रुु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था। यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित हैै।