लॉकडाउन के ऐलान के बाद सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों, रेहड़ी वालों, रिक्शा चालक और फैक्ट्रियों के कामगार को हो रही है। हालत यह है कि ऐलान के बाद लाखों लोग दिल्ली गुड़गांव के इंडस्ट्रियल एरिया से पैदल चलकर अपने घर जाने को मजबूर हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बढ़ती भीड़ और लोगों की नाराजगी ने सरकारों को नए सिरे से लॉकडाउन पॉलिसी पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
बढ़ती भीड़ को देखते हुए न केवल केंद्र सरकार हरकत में आई है बल्कि राज्य सरकारें भी हरकत में आई हैं। इसी के मद्देनजर शनिवार को यूपी सरकार ने करीब 1,000 बसों की व्यवस्था की है, जो लोगों को दिल्ली से यूपी के उनके शहरों में पहुंचाएंगी।
अब हरकत में सरकार
शुक्रवार की शाम को लाखों की तादाद में लोग अपने बीवी-बच्चों, बुजुर्ग माता-पिता के साथ दिल्ली के गाजीपुर आनंद विहार कालिंदी कुंज इलाकों में इकट्ठा हो गए थे। इन लोगों की मजबूरी का आलम ये था कि उन्हें न तो यूपी में एंट्री मिल रही थी और न दिल्ली सरकार उनके रहने खाने की कोई व्यवस्था कर रही थी। बढ़ते मामले को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह इनके रहने खाने और घर पहुंचाने की व्यवस्था करें। उसके बाद शनिवार सुबह से इन्हें इनके गंतव्य स्थान पर पहुंचाने की कवायद शुरू हुई। आनंद विहार में बस अड्डे पर मिले समीर और मीरा अपने दो बच्चों के साथ फर्रुखाबाद जाने के लिए परेशान हैं। उनका कहना है. बसे धीरे धीरे चलना शुरू हुई है तो लगता है कि अब घर पहुंच जाएंगे। यहां तो न मेरे पास खाने के पैसे बचे हैं और न रहने की कोई व्यवस्था है। अब घर ही ठिकाना है। आनंद विहार बस अड्डे के अलावा गाजीपुर के पास भी यूपी प्रशासन हरकत में आया है और उसने वहां पर इकट्ठा भीड़ को आनंद विहार भेजना शुरू कर दिया है जिससे कि वहां से लोगों को बसें मिल सके।
नोएडा में किराया नहीं लेने का आदेश
मजदूरों की एक बड़ी शिकायत अभी यह रही है कि उन्हें फैक्ट्री मालिकों ने काम से निकाल दिया है, ऐसे में उनके पास कमाने का कोई साधन नहीं है और मकान मालिक किराया मांग रहे हैं इसलिए वह घर जाने को मजबूर हैं। पलायन को रोकने के लिए नोएडा प्रशासन ने यह आदेश जारी किया है कि एक महीने तक मकान मालिक इस वर्ग के लोगों से किराया नहीं लें, इसका उल्लंघन करते हैं तो उनको सजा भी मिलेगा
हरियाणा सीमाएं करेगा बंद
प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों के लिए जाने से रोकने के लिए हरियाणा सीमाओं की नाकेबंदी करेगा। राेके गए श्रमिकों को रखने के लिए सभी जिलों में सेफ कैंप बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन अवधि के दौरान इन कैंपों में श्रमिकों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की जाए। सेफ कैंपों में ही श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की जाए ताकि यदि कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना के संक्रमण की चपेट में आया हो, उसकी समय रहते जांच हो सके और उसे क्वारंटाइन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में श्रमिकों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और उन्हें समझाया जाएगा कि अपने मूल राज्याें में वापस लौटने की बजाय वे सेफ कैंपों में रहें। उन्होंने कहा कि जिलों में और जिले की सीमाओं पर नाकाबंदी करके इन श्रमिकों को आगे बढऩे से रोका जाए और इन्हें सेफ कैंपों में रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्योगपतियों से कहा है कि वे उनके कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के रहने और भोजन की व्यवस्था करें और श्रमिकों को किसी भी हाल में जाने के लिए न कहा जाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी कुरुक्षेत्र जहां कई साधु संत पहले से ही रह रहे हैं वहां श्रमिकों के ठहरने के प्रबंध भी किए जा सकते हैं।