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श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए रेलवे यात्रियों से नहीं, राज्यों से लेगा पैसे

दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को ले जाने के लिए रेलवे जो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें...
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए रेलवे यात्रियों से नहीं, राज्यों से लेगा पैसे

दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को ले जाने के लिए रेलवे जो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है, उसके लिए वह यात्रियों से नहीं बल्कि राज्य सरकारों से पैसे लेगा। रेलवे की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक प्रति यात्री स्लीपर क्लास के टिकट का भाड़ा, 30 रुपये सुपर फास्ट चार्ज और खाना-पानी के 20 रुपये लिए जाएंगे। रेलवे इन फंसे लोगों के लिए छह स्पेशल ट्रेनें चला रहा है।

हर ट्रेन में 1000 से 1200 यात्री जाएंगे

पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की सुबह  4.50 बजे हैदराबाद से झारखंड के लिए रवाना हुई। इसमें करीब 1200 यात्री थे। बाकी ट्रेनें नासिक से लखनऊ, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक के लिए चलेंगी। प्रत्येक ट्रेन में 1000 से 1200 यात्रियों के जाने की संभावना है।

राज्यों द्वारा पंजीकृत लोग ही जा सकेंगे ट्रेन में

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए हैं जिन्हें राज्य सरकारों ने पंजीकृत किया है। इसलिए किसी भी अन्य व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए नहीं आना चाहिए। रेलवे किसी भी यात्री के लिए टिकट जारी नहीं करेगा। ट्रेन में सिर्फ उन्हीं लोगों को चढ़ने ने की अनुमति दी जाएगी जिन्हें राज्य सरकारों के अधिकारी रेलवे स्टेशन लेकर आएंगे। इन स्पेशल ट्रेनों में कौन सफर करेगा और कौन नहीं, यह तय करने के लिए अंतिम अथॉरिटी राज्य सरकारें ही होंगी।

सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लागू हुआ था देशव्यापी लॉकडाउन

रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को रेलवे से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकारें इसके लिए कोऑर्डिनेट करेंगी और यात्रियों के बदले रकम का भुगतान करेंगी। गौरतलब है कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस देकर 25 मार्च की आधी रात से  लॉकडाउन पूरे देश में लागू किया गया था। राजस्थान, झारखंड, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने इन लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की अनुमति दी।

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