विभिन्न छात्र समूहों ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।
छात्रों ने सिंह के इस्तीफे की भी मांग की। कुछ प्रदर्शनकारियों को बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं ली थी।
पहलवान उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर 23 अप्रैल से राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। वे सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न और उन्हें धमकाने के लिए आपराधिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने मांग की कि भविष्य में महिला पहलवानों को यौन उत्पीड़न का सामना न करना पड़े, इसके लिए तत्काल एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की गई और दिल्ली पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती हिरासत में लिया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमें क्यों हिरासत में लिया जा रहा है? इस देश में कानून का राज बिल्कुल नहीं बचा है। महिला पहलवानों को प्रताड़ित करने वाले शख्स को संरक्षण दिया जा रहा है, जबकि ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को हिरासत में लिया जा रहा है। बृजभूषण सिंह को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?’’
एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘‘क्या यही लोकतंत्र है? हमें पहलवानों का समर्थन करने के लिए हिरासत में लिया जा रहा है। वह (सिंह) अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद ही पुलिस ने भाजपा के आरोपी सांसद के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पहलवानों में शामिल ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने छात्रों का समर्थन किया।
मलिक ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं ने आंदोलन कर रही महिला पहलवानों के समर्थन में एक मार्च निकाला था। महिला पहलवानों का उत्पीड़न करने वाला खुला घूम रहा है, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने की बजाय उन लोगों को पकड़ रही है, जो महिला पहलवानों के समर्थन में आ रहे हैं। आंदोलनरत महिला पहलवान इसकी निंदा करती हैं।’’
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा कि छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति नहीं ली थी। उन्होंने कहा, ‘‘अपराह्न करीब एक बजे आइसा, एसएफआई, केवाईएसएस और भगत सिंह छात्र एकता मंच के लगभग 35 प्रदर्शनकारी कला संकाय के बाहर एकत्र हो गये और नारेबाजी करने लगे। उन्हें वहां से हटने और इलाके में शांति बनाए रखने को कहा गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब वे नहीं गये, तो उन्हें शांतिपूर्वक वहां से हटा दिया गया … उनमें से लगभग 30 को हिरासत में लिया गया है।’’
दिल्ली पुलिस ने सात महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी।